अजित पवार से पहले BJP की गंगा में डुबकी लगा कर बेदाग हो चुके हैं ये बड़े दागी
महाराष्ट्र में भले ही अब देवेन्द्र फडणवीस के इस्तीफा देने के बाद सरकार गिर चुकी हैं। लेकिन अजित पवार ने भाजपा की गंगा में डुबकी लगा कर अपने सारे दागों को धो लिया है और उनके खिलाफ 70,000 करोड़ रुपए सिंचाई घोटाला केस जो था वो बंद हो चूका है। उसके बाद ही अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और देवेंद्र फडणवीस की सरकार गिर गई। लेकिन ऐसा पहली बार नहीं हुआ जब किसी ने बीजेपी की पवित्र गंगा में अपने दागों को धोया है। ऐसा पहले भी हो चूका है।
2014 में चुनाव प्रचार के दौरान फडणवीस ने इसी घोटाले में शामिल अजित पवार को जेल में चक्की पिसवाने की बात की थी। लेकिंन नेता भी कहीं ना कहीं इस बात को जानते हैं कि अपने पाप धोने के लिए बीजेपी से अच्छी कोई पार्टी नहीं है। ऐसे कई नेता हैं जिन्हे बीजेपी भ्र्ष्ट कहती आई है और कल तक दागी कहे जाने वाले ये नेता पवित्र हो गए हैं।
2017 में यूपी में भाजपा में शामिल हुए बुक्कल नवाब
यूपी में बुक्कल नवाब ने अगस्त 2017 में समाजवादी पार्टी को छोड़ बीजेपी को चुन लिया था। वे रिवर फ्रंट मामले में भ्रष्टाचार के आरोपी थे। उन पर आरोप लगा था कि उन्होंने गलत तरीके से जमीन के लिए 8 करोड़ रुपए लिए हैं। लेकिन भाजपा में शामिल होने के बाद उनके ये आरोप साजिश में बदल गए और ये कह कर आरोपों को रद्द कर दिया गया कि उनके खिलाफ कोई साजिश हुई है। बुकक्ल ने भी बीजेपी का अहसान चुकाने के लिए मंदिरों तक के दर्शन किए।
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2017 में हिमाचल में भाजपा में शामिल हुए चाणक्य सुखराम
अक्टूबर 2017 में हिमाचल प्रदेश के सुखराम भाजपा में शामिल हो गए थे। उन्होंने अपने बेटे को भी बीजेपी ज्वाइन करवाई। सुखराम का नाम दूरसंचार घोटाले में शामिल था। लेकिन बीजेपी में शामिल होते ही उनके सर से ये घोटाले के दाग मिट गए। भाजपा प्रवक्ता के तौर पर सुधांशु त्रिवेदी ने कहा दिया- 'सुखराम के खिलाफ मामले बहुत पुराने हैं। जो बीत गई, वह बात गई।
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2019 में भाजपा में शामिल हुए नारायण राणे
2019 चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हुए महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री नारायाण राणे कांग्रेस के कद्दार नेता थे। नारायण राणे आदर्श घोटाला के आरोपी है। इस मामले में उन पर मुकदमा भी चल रहा है। उस दौरान राणे भाजपा-शिवसेना की सरकार में रेवेन्यू मिनिस्टर थे।