अयोध्या मामले पर फैसले से पहले विश्व हिन्दू परिषद ने रोक दिया ये खास काम, बढ़ी हलचल
अयोध्या राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद भूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला 17 नवंबर से पहले सुना सकती है। सभी की नजरें इसी पर गड़ी हुई है। ये एक अहम फैसला होगा क्योकिं 2 धर्मों के लोगों की आस्था इस से जुड़ी है। इसके बाद से देश के सभी राज्य अलर्ट पर हैं और इस फैसले से पहले अर्धसैनिक बलों के 4,000 जवान भी उत्तर प्रदेश के लिए रवाना कर दिए हैं जिस से दंगों, हिंसा आदि को भड़कने से रोका जा सके। 10 दिसंबर तक यहाँ धारा-144 लागू कर दी है। इसके अलावाअंबेडकर नगर में 8 अस्थायी जेल बनाई गई हैं।
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दूसरी तरफ, विश्व हिन्दू परिषद ने राम मंदिर के लिए पत्थर तराशने का काम रोक दिया। 1990 के बाद से यह पहली बार है। प्लेटफॉर्म, रेलवे स्टेशन, यार्ड, पार्किंग स्पेस, पुल और सुरंगों के साथ-साथ उत्पादन इकाइयों और कार्यशालाओं में सुरक्षा जैसे पहलुओं को शामिल किया गया है, जिसमें सभी संभावित हॉट-स्पॉट प्लेस पर कड़ी निगरानी रखी गई है जहाँ हिंसा हो सकती है।
आरपीएफ के सलाहकार ने कहा कि उसके सभी कर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं और उन्हें एस्कॉर्टिंग ट्रेनों में लगे रहने का निर्देश दिया गया है। अयोध्या में विहिप के प्रवक्ता शरद शर्मा ने बताया कि राम मंदिर के लिए पत्थर तराशने का काम रोक दिया गया है। 1990 के बाद यह पहला मौका है, जब पत्थर तराशना बंद किया गया है। अब तक 1.25 लाख घनफीट पत्थर तराशा जा चुका है। अभी 1.75 लाख घनफीट पत्थर को तराशना बाकी है।