अमित शाह ने जैसे ही नागरिकता संशोधन बिल पेश किया और ये लोकसभा और राज्यसभा में पास हुआ वैसे ही इसका विरोध होना शुरू हो गया। इसका विरोध अभी भी जारी है। लेकिन अमित शाह ने साफ़ कर दिया है कि इस फैसले से किसी को समस्या हो भी तब भी ये फैसला बदलने वाला नहीं है।

लेकिन सभी ये बात जानना चाहते हैं कि आखिर अमित शाह ने मुस्लिमों को इस बिल से बाहर क्यों रखा है? इसी बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं।

नागरिकता संशोधन के विरोध को देखते हुए अमित शाह ने लिया बड़ा फैसला, कर दिया ये ऐलान

राज्यसभा में बोलते हुए अमित शाह ने विपक्ष के आरोपों पर कहा कि देश के मुस्लिमों को चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि मोदी सरकार उनको पूरी सुरक्षा दे रही है। मुस्लिमों को भड़का कर उनके दिमाग में गलत बातें भरी जा रही है लेकिन हिंदुस्तान में रहने वाले मुस्लिमो को घबराने की जरूरत नहीं है।

ऐसा दुर्लभ संयोग, देश की सुरक्षा की कमान तीन दोस्तों के हाथ

भारत में रहने वाले मुस्लमों से बिल का कोई लेना-देना नहीं

शाह ने कहा कि इस बिल का भारत में रहने वाले मुस्लमों से कोई लेना-देना ही नहीं है। मुस्लिमों को इस बिल से बाहर रहने के विपक्ष के आरोपों पर अमित शाह ने कहा, 'क्या आप चाहते हैं कि हम पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पूरी दुनिया के मुसलमानों को नागरिकता प्रदान करें? ऐसे कैसे हो सकता है?'

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