SIP का जादू: हर महीने निवेश कर बिना बजट बिगाड़े बनाएं ₹10 लाख का फंड

अगर आप बिना ज्यादा जोखिम लिए लंबी अवधि में ₹10 लाख का फंड बनाना चाहते हैं, तो सिस्टमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान (SIP) आपके लिए एफडी से कहीं बेहतर विकल्प हो सकता है। जहां बैंक की फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) में ब्याज सीमित होता है, वहीं SIP में शेयर बाजार से जुड़े म्यूचुअल फंड्स के जरिए लंबे समय में कई गुना अधिक रिटर्न मिलने की संभावना रहती है।


💡 SIP क्या है और FD से बेहतर क्यों?

SIP यानी सिस्टमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान एक ऐसा माध्यम है, जिसके जरिए आप हर महीने एक तय रकम म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं। यह एक अनुशासित और सरल तरीका है, जिससे आप धीरे-धीरे बड़ा फंड बना सकते हैं।

SIP की सबसे बड़ी खासियत है “रुपी-कॉस्ट एवरेजिंग”। जब बाजार गिरता है, तो आपको ज्यादा यूनिट्स मिलती हैं और जब बाजार ऊपर जाता है, तो आपके निवेश का मूल्य बढ़ता है। इस तरह यह बाजार की अस्थिरता का प्रभाव कम कर देता है। दूसरी ओर FD में ब्याज दर स्थिर और सीमित होती है।


📊 ₹10 लाख का फंड बनाने में कितना वक्त लगेगा?

अगर आप म्यूचुअल फंड के इक्विटी विकल्प में निवेश करते हैं, तो लंबे समय में औसतन 12% वार्षिक रिटर्न मिल सकता है। अब जानते हैं कि SIP के जरिए ₹1,000, ₹3,000 और ₹5,000 महीने निवेश करने पर कितना समय लगेगा ₹10 लाख का फंड तैयार करने में:

मासिक SIPअनुमानित समयकुल निवेशअनुमानित रिटर्नकुल राशि
₹1,00021 साल₹2.52 लाख₹7.48 लाख₹10 लाख
₹3,00012 साल 3 महीने₹4.41 लाख₹5.59 लाख₹10 लाख
₹5,0008 साल 10 महीने₹5.30 लाख₹4.70 लाख₹10 लाख

 


⏱️ क्या समय बढ़ या घट सकता है?

यह गणना 12% सालाना रिटर्न के आधार पर की गई है। यदि रिटर्न 10% तक घटता है, तो लक्ष्य तक पहुंचने में थोड़ा अधिक समय लग सकता है। वहीं अगर रिटर्न 15% या अधिक होता है, तो आप जल्दी लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं। SIP की यही खूबसूरती है—यह बाजार के उतार-चढ़ाव का फायदा उठाकर बेहतर रिटर्न देता है।


🔑 SIP करते समय इन 5 बातों का रखें खास ध्यान

  1. लक्ष्य तय करें
    SIP शुरू करने से पहले निवेश का उद्देश्य स्पष्ट करें—जैसे घर खरीदना, बच्चों की पढ़ाई या रिटायरमेंट। इससे सही फंड और अवधि तय करने में मदद मिलेगी।
  2. लंबी अवधि का नजरिया रखें
    SIP का असली फायदा कम्पाउंडिंग से मिलता है, जो समय के साथ बढ़ता है। कम से कम 5-10 साल का नजरिया रखें ताकि बाजार की अस्थिरता का असर कम हो।
  3. सही फंड का चयन करें
    फंड मैनेजर का पिछला प्रदर्शन, जोखिम प्रोफाइल और फंड की विश्वसनीयता जांचें। अपनी जोखिम सहनशीलता के अनुसार इक्विटी, हाइब्रिड या डेट फंड चुनें।
  4. मंदी से न घबराएं
    SIP का फायदा यही है कि आप हर महीने एक निश्चित राशि निवेश करते हैं, चाहे बाजार ऊपर हो या नीचे। गिरावट में ज्यादा यूनिट्स मिलती हैं, जो औसत लागत को कम करती हैं।
  5. नियमित समीक्षा करें
    हर 6 से 12 महीने में अपने SIP पोर्टफोलियो की समीक्षा करें। जरूरत हो तो SIP राशि बढ़ाएं या फंड बदलें, लेकिन बार-बार बदलाव से बचें।

📌 निष्कर्ष

SIP एक ऐसा स्मार्ट निवेश विकल्प है जो बजट को प्रभावित किए बिना आपके बड़े वित्तीय लक्ष्यों को पूरा कर सकता है। अगर आप धैर्य और अनुशासन के साथ लंबी अवधि तक निवेश करते हैं, तो ₹10 लाख या उससे ज्यादा का फंड बनाना मुश्किल नहीं है।