कोरोनवायरस, या कोविड -19, महामारी 180 देशों में फैल गई है। भारत के 21 दिनों के तालाबंदी का आज 10 वां दिन है। भारत में COVID-19 मामलों की कुल संख्या 2,069 है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि वायरस के कारण 50 लोगों की मौत हुई है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को देश के लोगों के साथ एक छोटा सा वीडियो शेयर किया है। इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने कोरोनोवायरस के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए 21 दिनों के लॉकडाउन के दौरान अभूतपूर्व अनुशासन दिखाने के लिए भारत के लोगों को धन्यवाद दिया।

मोदी ने इस दौरान देश की एकता और करुणा शक्ति का भी जिक्र किया और कहा कि कैसे अन्य देशों ने भारत द्वारा डॉक्टरों, पुलिसकर्मी, सफाई वाले और जो जो लोग कोरोना की इस जंग में लोगों की मदद कर रहे हैं उनका अभिवादन करने के भारत का तरीका आजमाया और खुद भी अपने देश के इन जाबांजो का ताली और थाली बजा कर अभिवादन कियया।

मोदी ने आगे कहा कि निराशा के अंधेरे को हराने और आशा के साथ हमारे जीवन को रोशन करने के लिए, आइए 5 अप्रैल को रात 9 बजे 9 मिनट के लिए सभी लाइट बंद करें और अपने घरों के बाहर मोमबत्ती, दीपक, मोबाइल की लाइट आदि जलाए।

तो आखिर मोमबत्ती और दीपक जलाने के क्या मायने हैं?

प्रकाश को हमेशा ही भारत में विजय का प्रतीक माना जाता है और कोरोनारूपी अंधकार को हराने के लिए प्रकाश जरुरी है। इसके अलावा जो गरीब लोग प्रकाश से वंचित है। उनके घरों में भी इन दीयों, मोमबत्तियों के जरिए रौशनी फैलेगी। इसके अलावा दीयों से निकलने वाली गंध से आस पास का वातावरण भी सुगंधित और तरोताजा हो जाता है। इसके अलावा अभी रामनवमी भी गुजरा है। राम के आने पर वनवास में भी इसी तरह दिए जलाए गए थे जो बुराई पर विजय का प्रतीक है।

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