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जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं, व्हाट्सएप समेत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर फर्जी खबरों और गलत सूचनाओं का बढ़ना एक महत्वपूर्ण चिंता का विषय बन रहा है। फर्जी खबरों और दुष्प्रचार के मुद्दे को संबोधित करने के लिए, व्हाट्सएप की मूल कंपनी मेटा ने मिसइनफॉर्मेशन कॉम्बैट अलायंस (एमसीए) के साथ साझेदारी करके एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। भारत में आगामी चुनावों के साथ, कंपनी का लक्ष्य अपने प्लेटफार्मों पर झूठी खबरों और गलत सूचनाओं से प्रभावी ढंग से निपटना है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मेटा ने पिछले हफ्ते घोषणा की थी कि वह व्हाट्सएप पर एक समर्पित तथ्य-जाँच हेल्पलाइन शुरू करने की योजना बना रही है। आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) के माध्यम से फैली ऑनलाइन गलत सूचना का प्रसार एक आम चुनौती बन गई है। यह गलत सूचना, जिसे अक्सर "डीपफेक" कहा जाता है, लोगों के बीच भ्रम पैदा करती है।

ऐसे लगेगी फेक न्यूज पर लगाम

डीपफेक जैसे मामलों से निपटने के लिए मेटा ने निवारक उपाय करने का फैसला किया है। कंपनी की डीपफेक एनालिसिस यूनिट (डीएयू) भारत में सोशल मीडिया पर एआई-जनित गलत सूचनाओं के प्रसार को रोकने पर काम करेगी। इस पहल का उद्देश्य विशेष रूप से व्हाट्सएप जैसे प्लेटफार्मों पर फर्जी खबरों के प्रसार पर अंकुश लगाना और सूचना की समग्र प्रामाणिकता को बढ़ाना है।

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इस कंपनी ने भी उठाया कदम

मेटा एकमात्र ऐसी कंपनी नहीं है जो भारत की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए फर्जी खबरों के मुद्दे को सुलझाने का प्रयास कर रही है। दिसंबर 2023 में, यूट्यूब इंडिया ने भी इसी तरह का कदम उठाया। यूट्यूब ने भरोसेमंद जानकारी के महत्व पर जोर देते हुए सटीक समाचारों को सबसे आगे लाने के लिए सत्यापित स्रोतों को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करना शुरू किया।

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वॉट्सऐप बिजनेस में नए फीचर्स

फर्जी खबरों के खिलाफ अपने प्रयासों के अलावा, मेटा ने हाल ही में व्हाट्सएप बिजनेस को बढ़ाने के लिए नए फीचर पेश किए हैं। भारत में व्हाट्सएप बिजनेस पर लगभग 50 मिलियन ग्राहकों के साथ, प्लेटफॉर्म का व्यापक रूप से उपयोग किया जाने लगा है। नई सुविधाओं की शुरूआत का उद्देश्य भारतीय व्यवसायों और ग्राहकों के अनुभव को बेहतर बनाना है।

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