व्हाट्सएप ने मंगलवार को दिल्ली उच्च न्यायालय के नए आईटी नियमों का विरोध करते हुए भारत सरकार के खिलाफ कानूनी याचिका दायर की क्योकिं इस से प्राइवेसी खत्म होती है। व्हाट्सएप ने दिल्ली हाई कोर्ट से अपील की है कि सोशल मीडिया को लेकर भारत सरकार की नई गाइडलाइन भारत के संविधान के मुताबिक यूजर्स की प्राइवेसी के अधिकारों का उल्लंघन करती है, क्योंकि नई गाइडलाइन के मुताबिक सोशल मीडिया कंपनियों को उस यूजर्स की पहचान बतानी होगी जिसने सबसे पहले किसी मैसेज को पोस्ट या शेयर किया है।

व्हाट्सएप के प्रवक्ता ने कहा, "मैसेजिंग ऐप्स को चैट" ट्रेस करने के लिए कहना व्हाट्सएप पर भेजे गए हर एक मैसेज का फिंगरप्रिंट रखने के बराबर है, जो एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन को खत्म कर देगा और लोगों के निजता के अधिकार को मौलिक रूप से कमजोर कर देगा।


प्रवक्ता ने कहा "हम लगातार नागरिक समाज और दुनिया भर के विशेषज्ञों के साथ उन आवश्यकताओं का विरोध कर रहे हैं जो हमारे उपयोगकर्ताओं की गोपनीयता का उल्लंघन करेंगे। ”

बता दें कि इस साल की शुरुआत में 25 फरवरी को, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MEITy) ने सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को नए नियमों का पालन करने के लिए तीन महीने की समय सीमा दी थी।जिसकी डेडलाइन आज यानी 26 मई को खत्म हो रही है। सरकार की नई सोशल मीडिया गाइडलाइंस में साफ लिखा गया है कि देश में सोशल मीडिया कंपनियों को कारोबार की छूट है , लेकिन इस प्लेटफॉर्म के हो रहे दुरुपयोग को रोकना जरूरी है।


केंद्र सरकार की नई सोशल मीडिया गाइडलाइन के तहत शिकायत के 24 घंटे के भीतर सोशल प्लेटफॉर्म से आपत्तिजनक कंटेंट को हटाना होगा। नई गाइडलाइंस के अनुसार आपत्तिजनक कंटेंट को समयसीमा के अंदर हटाना होगा।

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