राजस्थान में कांग्रेस सरकार को गिराने की कोशिश में डिप्टी सीएम सचिन पायलट फंस गए, वैसे उनकी नाराजगी तभी से है, जब विधानसभा में की गई उनकी मेहनत का फल कांग्रेस नेतृत्व ने अशोक गहलोत को दे दिया था। राज्यसभा चुनाव के दौरान सरकार गिराने की कोशिशों से सतर्क हुए गहलोत ने जो जाल बिछाया, उसमें डिप्टी सीएम अपने विधायकों के साथ उलझ गए हैं।

दरअसल, राज्यसभा चुनाव के दौरान ही कांग्रेस में बगावती स्वर उठने लगे थे। तब अशोक गहलोत ने विधायकों को रिसॉर्ट में भेजकर कांग्रेस को नुकसान से बचाते हुए दोनों सीटें जीतने में कामयाबी हासिल की थी। इसके बाद गहलोत ने विधायकों की खरीद फरोख्त की कोशिशों की जांच करने का जिम्मा एसओजी को सौंपा। सूत्रों का कहना है कि गहलोत ने चुनाव में जीत के बाद भी तह में जाने और बगावती विधायकों की खोज का काम जारी रखाया। इसके तहत करीब दस विधायकों के काल डिटेल और रिकार्डिंग भी जुटाई गई है।

बताते हैं कि गहलोत ने इस पूरी प्रक्रिया में पायलट की भूमिका की जानकारी केंद्रीय नेतृत्व को भी बताई थी। यही कारण है कि सचिन बीते एक सप्ताह से दिल्ली में बड़े नेताओं से मिलकर विधायकों के साथ हो रहे बर्ताव की बात कहते घूम रहे हैं लेकिन कांग्रेस नेतृत्व से समय नहीं मिला।

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