भारत में 5G टेस्टिंग पर बैन लगाने की उठी मांग, सुप्रीम कोर्ट में दायर हुई याचिका
सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर भारत में 5G इंटरनेट टॉवर परीक्षण पर रोक लगाने की मांग की गई है। याचिका अधिवक्ता एपी सिंह ने दायर की है। याचिका में कहा गया कि आज भारत सहित पूरी दुनिया में 5G नेटवर्क का विरोध किया जा रहा है। 5G नेटवर्क धरती के लिए बहुत बड़ा खतरा हैं, लेकिन मोबाइल कंपनियों ने 5G स्मार्टफोन बेचना शुरू कर दिया है।
याचिका में कहा गया कि 5G इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की निजता के लिए सबसे बड़ा खतरा है, उपयोगकर्ताओं के डेटा को आसानी से हैक किया जा सकता है। इसमें यह भी कहा गया है कि नीदरलैंड में परीक्षण के दौरान सैकड़ों पक्षियों की अचानक मृत्यु हो गई, जबकि हेग में 5 जी नेटवर्क के परीक्षण के दौरान लगभग 300 पक्षियों की मौत हो गई, जिनमें से 150 की मृत्यु परीक्षण शुरू होने के बाद हुई।
याचिका में कहा गया कि 2018 में, चीनी कंपनी हुआवेई ने गुरुग्राम, हरियाणा में 5G इंटरनेट का परीक्षण किया था। यह बताता है कि 5G नेटवर्क की तकनीक विद्युत चुम्बकीय विकिरण का उपयोग करती है, जिससे कैंसर का खतरा बढ़ जाता है, गर्भावस्था के दौरान मोबाइल विकिरण महिलाओं के साथ-साथ बच्चों को भी प्रभावित करता है। याचिका में कहा गया कि 5G नेटवर्क आतंकवादियों के लिए मददगार होगा और देश की सुरक्षा के लिए भी बड़ा खतरा है।
बता दें कि आजकल सभी टेलीकॉम कंपनियां इन दिनों 5G टेस्टिंग पर जोर दे रही हैं। एयरटेल, जियो और वोडाफोन-आइडिया लगातार इसका परीक्षण कर रहे हैं। जियो ने हाल ही में 57,123 करोड़ रुपये के स्पेक्ट्रम खरीदे हैं। इसे लेकर कंपनी ने 22 सर्किल में स्पेक्ट्रम खरीदे हैं। रिलायंस जियो से खरीदे गए स्पेक्ट्रम का उपयोग 5 जी सेवा प्रदान करने के लिए भी किया जाएगा। कंपनी ने हाल ही में घोषणा की कि उसने स्वदेशी 5 जी तकनीक विकसित की है जिसका परीक्षण संयुक्त राज्य अमेरिका में किया गया है। इसके साथ ही, कंपनी के मालिक मुकेश अंबानी ने भी इस साल 5 जी लॉन्च करने की घोषणा की है।