मनोरंजन की दुनिया में काम करने वाले बच्चों के अधिकारों की रक्षा करने वाले राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की ओर से नए नियम जारी किए गए हैं। यह मसौदा आयोग द्वारा वर्ष 2011 में जारी किया गया था, लेकिन अब इस मसौदे की सीमाएं और भी बढ़ा दी गई हैं, अब यह सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म को भी कवर करने जा रही है। इस समय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से लेकर ओटीटी प्लेटफॉर्म तक छोटे बच्चों से लेकर काफी काम हो रहा है या इस्तेमाल होने वाला है. गाइडलाइंस का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ पैनल को पहले से ज्यादा मजबूत किया गया है. मनोरंजन की दुनिया में काम करने वाले किड्स आर्टिस्ट या बच्चे का जिला मजिस्ट्रेट से रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी होने जा रहा है.

आपकी जानकारी के लिए बता दे की, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष प्रियंका कानूनगो ने कहा है कि जिन बच्चों का उपयोग ओटीटी प्लेटफॉर्म और सोशल मीडिया के वीडियो में किया जा रहा है, जो इस दिशा-निर्देश के तहत कवर नहीं हैं। जिसके लिए उस बच्चे के माता-पिता जिम्मेदार होंगे। बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए तरह-तरह के कानून भी दिए जा रहे हैं।

नए दिशानिर्देशों में कई कानून मौजूद हैं: किशोर न्याय अधिनियम, 2015, बाल श्रम संशोधन अधिनियम, 2016, यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण X-2012, सूचना प्रौद्योगिकी नियम-2021 को इस प्रावधान के तहत शामिल किया गया है।

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इस समय लोग ओटीटी प्लेटफॉर्म, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बच्चों के साथ वीडियो अपलोड करने में लगे हुए हैं. जिसके साथ ही उन्होंने पैसे कमाने और लाइक पाने के लिए ऊपर दिए गए नियमों और दिशा-निर्देशों को भी रखा है। ऐसे में इसका अन्य बच्चों पर गलत प्रभाव पड़ता है, मगर कहीं न कहीं यह उन बच्चों के अधिकारों का भी उल्लंघन है।

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