केंद्र सरकार ने आज सूचना और प्रसारण मंत्रालय के तहत ऑनलाइन समाचार पोर्टल और ऑनलाइन सामग्री प्रदाताओं को लाने के लिए एक अधिसूचना की घोषणा की। इससे पहले, केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक मामले में तर्क दिया था कि ऑनलाइन मीडिया का विनियमन टीवी से अधिक महत्वपूर्ण था। अब सरकार ने मंत्रालय के तहत ऑनलाइन समाचार और सामग्री प्रदाताओं को लाने का फैसला किया है।


ऑनलाइन समाचार पोर्टलों और मीडिया वेबसाइटों को विनियमित करने के लिए, फेक न्यूज समाचारों यानी फर्जी या आधारहीन रिपोर्टों पर अंकुश लगाने के लिए है। मंत्रालय ने इसके लिए एक अधिसूचना जारी की है। तदनुसार, ऑनलाइन समाचार पोर्टल, ऑनलाइन सामग्री प्रदाता अब सूचना और प्रसारण मंत्रालय के दायरे में आएंगे। सरकार ने समाचार पोर्टलों और मीडिया वेबसाइटों को विनियमित करने


के लिए 10 सदस्यीय समिति का गठन किया। समिति में सूचना और प्रसारण मंत्रालय, कानून, गृह, आईटी और औद्योगिक नीति और संवर्धन विभाग के सचिव शामिल हैं। इसके अलावा, MyGov के मुख्य कार्यकारी और प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया, न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन और इंडियन ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधियों को भी सदस्य बनाया गया है। समिति को ऑनलाइन मीडिया, समाचार पोर्टल और ऑनलाइन सामग्री प्लेटफार्मों के लिए उपयुक्त नीतियों की सिफारिश करने का निर्देश दिया गया था। केंद्र सरकार के सर्वोच्च न्यायालय में दाखिल हलफनामे के अनुसार, सरकार ने देश भर में नियमित समाचार चैनलों के रूप में 385 चैनलों को लाइसेंस दिया है।


यह चैनल समाचार के साथ-साथ मनोरंजन कार्यक्रम भी प्रसारित करता है। इनमें साक्षात्कार, वाद-विवाद कार्यक्रम और कई अन्य सार्वजनिक सूचना कार्यक्रम शामिल हैं।

Related News