लंदन में राबर्ट वाड्रा की बेनामी संपत्ति खरीदने के लिए कोरिया की कंपनी सैमसंग इंजीनियरिंग से ली गई दलाली के मामले की सीबीआइ जांच शुरू हो गई है। इस संबंध में दर्ज एफआइआर में सीबीआइ ने रक्षा सौदे के दलाल संजय भंडारी को आरोपी बनाया है।

सीबीआइ के अनुसार ओएनजीसी की एक सबसिडियरी कंपनी ओएनजीसी पेट्रो एडिशंस लिमिटेड (ओपल) से गुजरात के दाहेज में एक प्रोजेक्ट का ठेका देने के एवज में 49.99 लाख डालर (तत्कालीन विनिमय दर के हिसाब से 23.50 करोड़ रुपये) की दलाली ली गई थी। दैनिक जागरण ने 12 मार्च 2019 को विस्तार से इस घोटाले की खबर छापी थी।

उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार आयकर विभाग और ईडी ने पिछले साल के शुरू में ही सीबीआइ को इस घोटाले के दस्तावेज सौंपते हुए भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत एफआइआर दर्ज कर इसकी जांच की जरूरत बताई थी। इसके आधार पर सीबीआइ ने 11 जुलाई 2019 को प्रारंभिक जांच का केस दर्ज किया था। लगभग एक साल की प्रारंभिक जांच के बाद सीबीआइ ने रेगुलर एफआइआर दर्ज करने का फैसला किया। इसमें संजय भंडारी और सैमसंग इंजीनियरिंग के सीनियर मैनेजर होंग नैमकुंग के साथ-साथ ओएनसीजी और ओपल के अज्ञात अधिकारियों को आरोपी बनाया गया है।

ईडी के अनुसार इस संपत्ति की मरम्मत पर लगभग 45 लाख रुपये खर्च किये गए थे। इस संबंध में ईडी राबर्ट वाड्रा से लंबी पूछताछ कर चुका है। ईडी और आयकर विभाग के अधिकारियों की माने तो उनसे पास इसके राबर्ट वाड्रा की बेनामी संपत्ति होने के पुख्ता सबूत हैं।

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