तकनीकी विकास के साथ साइबर क्राईम भी बहुत ज्यादा बढ़ गया हैं, जिसकी वजह कई बार आपको आर्थिक नुकसान के साथ इज्जत से भी समझौता करना पड़ता हैं, इन हालातों को देखते हुए भारतीय सरकार ने एक कदम उठाया हैं, जिसके तहत 2025 तक सभी स्मार्टफ़ोन और 2026 तक लैपटॉप में USB-C पोर्ट की स्थापना को अनिवार्य करने जा रही है।

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यह निर्देश सार्वभौमिक रूप से लागू होगा, जो Apple के iPhone और Android और Windows उत्पादों के सभी निर्माताओं के उपकरणों को प्रभावित करेगा।

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भारत सरकार जल्द ही एक नया विनियमन जारी करेगी, जिसमें सभी फ़ोन और लैपटॉप निर्माताओं को USB-C पोर्ट स्थापित करने की आवश्यकता होगी। इस नए नियम के अनुसार, सभी नए फ़ोन और टैबलेट में जून 2025 तक USB-C पोर्ट शामिल होने चाहिए, और लैपटॉप में भी दिसंबर 2026 तक ऐसा ही होना चाहिए। शुरुआत में, यह विनियमन मार्च 2025 से फ़ोन और टैबलेट पर लागू होना था। इस समायोजन का मतलब है कि माइक्रो-USB जैसे पुराने पोर्ट को USB-C के पक्ष में चरणबद्ध तरीके से हटाना होगा, और यह संभव है कि लैपटॉप में USB-A पोर्ट (ऑपरेटिंग सिस्टम चाहे जो भी हो: Windows, Mac, Linux, या DOS) को USB-C पोर्ट से बदलना पड़ सकता है।

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यह नया विनियमन केवल नई तकनीक वाले फ़ोन और लैपटॉप पर लागू होगा।बेसिक फ़ोन, स्मार्टवॉच, ईयरबड या वायरलेस स्पीकर जैसे रोज़मर्रा के डिवाइस इस नियम से मुक्त हैं। इन डिवाइस के निर्माता चाहें तो USB-C पोर्ट शामिल करने का विकल्प चुन सकते हैं।

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