इस डिजिटल वर्ल्ड में स्मार्टफोन हमारे जीवन का अहम हिस्सा बन गए हैं, जिनके माध्यम से बहुत सारे काम आसान हुए है, ऐसे में बात करे पैसो के लेन देन की इसने आसान बना दिया हैं, GPay, PhonePe और Paytm जैसे यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफ़ेस (UPI) ऐप के उदय ने भुगतान को पहले से कहीं ज़्यादा सरल और सुविधाजनक बना दिया है। लेकिन अगर रिपोर्ट्स की माने तो बाजार में फैक यूपीआई आईडी चल रही हैं, जो आपके बैंक अकाउंट को खाली कर सकती हैं, आइए जानते है इसके बारे में-

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धोखेबाज़ अब इन ऐप के नकली वर्शन बनाकर UPI की लोकप्रियता का फ़ायदा उठा रहे हैं। ये नकली ऐप असली ऐप की तरह दिखने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं, जो छोटे व्यापारियों, दुकानदारों और रोज़मर्रा के उपयोगकर्ताओं को निशाना बनाते हैं।

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कैसे काम करता है घोटाला

धोखेबाज़ किसी व्यापारी के QR कोड को स्कैन करने और भुगतान शुरू करने के लिए नकली UPI ऐप का इस्तेमाल करते हैं। इसके बाद वे असली ऐप के इंटरफ़ेस की नकल करते हुए एक नकली स्क्रीनशॉट और ध्वनि अधिसूचना प्रदर्शित करते हैं, जिससे लेनदेन पूरा होने का एक विश्वसनीय भ्रम पैदा होता है।

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धोखाधड़ी की पहचान करना और उससे बचना

भुगतान सत्यापित करें: हमेशा अपने वास्तविक UPI ऐप या बैंक स्टेटमेंट के ज़रिए लेन-देन की जाँच करें।

जानकारी रखें: अपरिचित स्रोतों से ऐप इंस्टॉल करने के बारे में सावधान रहें। केवल आधिकारिक ऐप स्टोर से UPI ऐप डाउनलोड करें।

धोखाधड़ी की रिपोर्ट करें: अगर आप इस तरह की धोखाधड़ी का शिकार होते हैं, तो तुरंत इसकी रिपोर्ट करें। हेल्पलाइन 1930 पर कॉल करें या भारत सरकार के साइबर क्राइम पोर्टल (cybercrime.gov.in) पर शिकायत दर्ज करें।

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