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इस डिजिटल युग में हम सभी पेमेंट करने के लिए UPI ऐप्स का इस्तेमाल करते हैं। यूपीआई ऐप्स हमें क्यूआर कोड स्कैन करने और एक-दूसरे के खातों में आसानी से पैसे ट्रांसफर करने में सक्षम बनाते हैं। साइबर अपराधी अब "Quishing " नामक घोटाले का उपयोग करके लोगों को निशाना बना रहे हैं, जहां वे पर्सनल डिटेल्स चुराने के लिए नकली क्यूआर कोड का उपयोग करते हैं।

स्कैमर्स इन नकली क्यूआर कोड को कहीं भी रख सकते हैं, जैसे वेबसाइट या विज्ञापन पर। जब व्यक्ति उन पर क्लिक करते हैं, तो उन्हें दूसरी वेबसाइट पर रीडायरेक्ट कर दिया जाता है, जहां उनका विवरण मांगा जाता है, जिससे स्कैमर्स उन्हें निशाना बनाते हैं। इसके बाद, पीड़ितों को धोखाधड़ी वाली कॉल, संदेश और अन्य घोटालों का सामना करना पड़ सकता है।

इसलिए, सोशल मीडिया का उपयोग करते समय संदिग्ध प्रतीत होने वाले किसी भी क्यूआर कोड को स्कैन करने, साझा करने या उसके साथ बातचीत करने से बचना महत्वपूर्ण है। यदि कुछ गलत लगता है, तो बिना कोई व्यक्तिगत जानकारी दिए तुरंत वेबसाइट से बाहर निकलें। कोई भी कदम उठाने से पहले मामले पर अच्छी तरह से शोध कर लें।

क्विशिंग घोटालों से खुद को बचाने के लिए:

  • क्यूआर कोड को स्कैन करने से पहले, वेबसाइट के सोर्स की जांच करें। यदि साइट सुरक्षित नहीं है, तो कोई भी डिटेल्स दर्ज करने से बचें।
  • इस तरह के स्कैम से बचने के लिए आप एक ऐसा QR कोड स्कैनर ऐप डाउनलोड कर सकते हैं जिसमें बिल्ट-इन सिक्योरिटी आती है। इस तरह के ऐप्स आपको हार्मफुल और गलत कोड्स की जानकारी पहले ही दे देते हैं , यानि ये आपको स्कैम से बचा सकते हैं।
  • ये ध्यान रखें कि आपका स्मार्टफोन हमेशा अपडेट रहे और सुरक्षा बढ़ाने के लिए एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर का उपयोग करें। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि किसी भी हालत में कहीं भी अपनी पर्सनल डिटेल्स डिस्क्लोज न करें।

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