जुकाम खांसी का मतलब कोरोनावायरस नहीं, ऐसे खुद करें एलर्जी, फ़्लु और कोरोना की पहचान
कोरोना से जुड़े संक्रमण के मामले दिनों दिन बढ़ते ही जा रहे हैं। ये वायरस अब देश के कई राज्यों, शहरों और गाँवों तक भी फ़ैल गया है। लोगों के बीच कोरोना को लेकर एक डर का माहौल पैदा हो गया है और उन्हें सर्दी खांसी भी होती है तो भी उसे कोरोना समझ बैठते हैं। हर बार खांसी होने का मतलब कोरोना नहीं है इसलिए आज हम आपको सामान्य फ़्लु, सर्दी और कोरोनावायरस के बीच अंतर करने का तरीका बता रहे हैं।
लक्षणों पर गौर करें
एलर्जी और इंफ्लूएंजा मौसमी होते हैं। यानी मौसम के आधार पर सर्दी जुकाम होते हैं। बसंत के मौसम में नाक बहने की शिकायत है तो हो सकता है ये एलर्जी ही हो।
इसके अलावा सर्दी के मौसम में खांसी जुकाम होना आम है ये फ़्लु भी हो सकता है।
लेकिन अगर मौसम थोड़ा गर्म है और आपको फ्लू जैसे लक्षण हैं तो ऐसे लक्षणों को नजरअंदाज ना करें क्योकिं ये कोरोना भी हो सकता है।
क्या कोरोना गर्मी में हो जाएगा खत्म?
इंफ्लूएंजा अकसर गर्मी में मर जाता है हालांकि वैज्ञानिकों का कहना है कि ये वायरस गर्मी में भी जीवित रहने के लिए खुद को इम्यून बना रहा है और कई गर्म जगहों पर इसके होने के साक्ष्य मिले हैं।
चीन में लोगों को पाए गए थे ये लक्षण
चीन में 56 हजार से ज्यादा कोरोना पॉजिटिव थे। उन्हें खास लक्षणों में सुखी खांसी, बुखार, जुकाम और सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण थे।
करीब 5 फीसदी मरीजों को जी-मिचलाने और उल्टी के लक्षण भी उभरे थे। वहीं 5 प्रतिशत ने कहा कि उन्हें डायरिया की समस्या भी हुई।
फेफड़ों में संक्रमण
जब संक्रमण बेहद गंभीर हो जाता है तो फेफड़ों में घाव भी हो सकते हैं। लेकिन आप कोरोना से घबराएं नहीं क्योकिं कोरोना संक्रमण करीब दो सप्ताह में ठीक हो जाता है और गंभीर होने पर सही होने में 3 से 6 सप्ताह लगते हैं।