किराना ई-कॉमर्स कंपनी बिग बास्केट के उपयोगकर्ता डेटा चोरी की संभावना का सामना कर रहे हैं। साइबर खुफिया कंपनी साइबल के अनुसार, डेटा लीक से लगभग 20 मिलियन उपयोगकर्ता प्रभावित हुए हैं। उल्लेखनीय है कि हैकर ने बिग बास्केट से जुड़े डेटा को बिक्री के लिए 30 लाख रुपये में रखा है। कंपनी ने बेंगलुरु में साइबर क्राइम सेल में पुलिस शिकायत भी दर्ज कराई है। साइबर विशेषज्ञ ने दावा किया है, और यह पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि इस मामले में सच्चाई क्या है।


टीम ने अपनी नियमित वेब निगरानी में पाया कि साइबर टोकरी बाजार में बिग बास्केट डेटा 40,000 में बिक रहा था। इस डेटाबेस की फ़ाइल लगभग 15GB है। जिसमें लगभग 20 मिलियन उपयोगकर्ताओं का डेटा है। आपको बता दें, इस डेटा में नाम, ईमेल आईडी, पासवर्ड हैश, संपर्क नंबर, पता, जन्म तिथि, स्थान और आईपी पता शामिल हैं।


साइबल ने यहां पासवर्ड का भी उल्लेख किया है, जिसका अर्थ है वन टाइम पासवर्ड, जो एसएमएस के माध्यम से प्राप्त होता है। जब उपयोगकर्ता लॉग इन करते हैं। फिर यह हर बार बदल जाता है। साइबल का दावा है कि डेटा चोरी 30 अक्टूबर, 2020 को हुई थी, जिसे बिग बास्केट प्रबंधन को भी सूचित किया गया था। साइबल का कहना है कि उसने 31 अक्टूबर को डेटा लीक की जांच की ताकि यह पता लगाया जा सके कि उसमें बिग बास्केट डेटा है या नहीं। इसके बाद पहली नवंबर को बिग बास्केट मैनेजमेंट को सूचना दी गई।


आपको बता दें कि, बेंगलुरु की कंपनी बिग बास्केट अलीबाबा ग्रुप, मिरे एसेट-नावर एशिया ग्रोथ फंड और यूके सरकार के सीडीसी ग्रुप द्वारा वित्त पोषित है।

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