रविवार, भारत और इंग्लैंड के बीच आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप का 38वां मुकाबला खेला गया, वर्ल्डकप में भारतीय टीम पहली बार हारी है। इंग्लैंड ने भारत को 31 रनों से हराकर मैच में जीत हासिल की। मैच में भारतीय टीम का प्रदर्शन बेहद ही शानदार रहा। लेकिन इस मैच में भारतीय टीम की कई कमजोरियां उजागर हुई है। अगर भारत इन 3 कमजोरियों का हल निकाल लेता है तो भारत को वर्ल्डकप जीतने से कोई नहीं रोक सकता है।

1. ओपनर बल्लेबाजों की धीमी साझेदारी

शिखर धवन के वर्ल्ड कप से बाहर होने से ओपनर बैट्समैन्स को काफी परेशानी हो रही है। ओपनर बैट्समैन काफी धीमी बल्लेबाजी के कारण आगे के बल्लेबाज दबाव में आ जाते हैं। इस से वे प्रेशर में विकेट गवा देते हैं। अफगानिस्तान टीम के खिलाफ 53 गेंदो में राहुल ने 30 रन बनाए, इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट 56.60 रहा। वहीं धुआंदार पारी खेलने वाले रोहित शर्मा ने 10 गेंद में केवल 1 ही रन बनाया। ओपनर बल्लेबाजों यदि धीमी गति से खेलते हैं तो ये आने वाले बैट्समैन के लिए अच्छा साबित नहीं होता है।

2. मध्यम क्रम भी हो जाता है बेअसर

इंडियन क्रिकेट टीम के शीर्ष कर्म के लड़खड़ाने से मध्यक्रम भी लड़खड़ाने लगता है। हालांकि हर मैच में शीर्ष क्रम अच्छा प्रदर्शन करें, यह संभव नहीं है। विराट कोहली की पारी को छोड़ दें तो कोई भी बल्लेबाज टिक कर नहीं खेल पाता।

3. बड़े शॉट खेलने वाले खिलाड़ियों की कमी

टीम इंडिया में जब मैच के आखिरी ओवर बचते हैं तो उनमे लॉन्ग शॉट खेलने वाले खिलाड़ियों की कमी है। हार्दिक पांड्या को छोड़ कर ऐसा कोई बैट्समैन नहीं है जो कि अंत में बड़े शॉट मारकर टीम के स्कोर को आगे बढ़ा सकें। इसके कारण टीम को पहले भी कई बार मुश्किलों का सामना करना पड़ा है।

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