भारतीय टीम के सीनियर स्पिनर रविचंद्रन अश्विन की विनती मौजूदा समय के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजों में की जाती है टेस्ट क्रिकेट में तो अपना जलवा पिछले एक दशक से दिखा रहे हैं लेकिन बीते 1 साल से उन्होंने T20 क्रिकेट में भी टीम इंडिया में वापसी की है और टी-20 विश्व कप में टीम का अहम हिस्सा बने हुए है। ऑस्ट्रेलिया में हो रहे t20 विश्व कप में उन्होंने अभी तक हर मैच खेला है लेकिन टी-20 क्रिकेट की रणनीति के एक अहम हिस्से में वह ज्यादा विश्वास नहीं रखते। जिसे दुनिया की तमाम अन्य टीमों समय भारतीय टीम भी इस 20 वर्ल्ड कप में अपना रही है।

पिछले कुछ सालों से क्रिकेट में आंकड़ों की बाजीगरी को अलग अहमियत मिली है और रणनीति बनाने में इसका इस्तेमाल भी मुख्य रूप से हो रहा है खास तौर पर T20 क्रिकेट में इन आंकड़ों के आधार पर खिलाड़ियों और टीमों की ताकत और कमजोरियों का अंदाजा लगाया जाता है। इसे क्रिकेट की भाषा में मैच अप कहा जाता है। जिसमें आंकड़ों के आधार पर कोई टीम यह तय करती है कि कौन सा गेंदबाज किस बल्लेबाज पर हावी हो सकता है और कौन से समय पर कौन सा बल्लेबाज मैदान में चल सकता है।


* नहीं है मैच अप पर ज्यादा यकीन :

अश्विनी ने इस मैचअप की धारणा पर ज्यादा विश्वास नहीं रखते है लेकिन टीम इंडिया के मुख्य कोच राहुल द्रविड़ मैच अप पर बहुत ज्यादा विश्वास रखते हैं और इन्हीं आंकड़ों के अनुसार वह कई फैसले करते रहे हैं हालांकि अश्विनी इसके बारे में अलग तरीके से सोचते हैं जिंबाब्वे के खिलाफ मैच में अश्विनी ने मैच से पहले इस बारे में कहा कि मुझे नहीं लगता कि खिलाड़ियों के लिए मैच अप मैं विश्वास करना संभावित तौर पर जरूरी है लेकिन यह एक ऐसा क्षेत्र है जिस पर टीम अपनी रणनीति अच्छे से तैयार कर रही हैं।


* नहीं चल सकता इस तरह काम :

भारतीय टीम के सबसे सफल गेंदबाजों में से एक गेंदबाज अश्विनी ने कहा" इसका एक पहलू तमाम चीजों के लिए रणनीति बनाना है लेकिन एक गेंदबाज के तौर पर आपको लगातार कई बल्लेबाजों के लिए मैदान में गेंदबाजी करनी होती है और इसको लेकर मेरा मानना है कि यह चीज मौजूद है और उसे निश्चित तौर पर विकसित किया जा रहा है। इस पर एक खेल इकाई के तौर पर विश्वास करना मुश्किल है कि यह गेंदबाज उस खास बल्लेबाज के लिए अच्छी गेंदबाजी करेगा। इस तरह से काम नहीं चल सकता लेकिन मेरा मानना यह है कि इससे टीमों को रणनीतक लाभ मिल रहा है।

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