टोक्यो ओलिंपिक में भारत की महिला हॉकी टीम डिफेंडिंग चैंपियन ग्रेट ब्रिटेन से हार गई और ब्रॉन्ज मैडल हासिल करने का सपना टूट गया। रियो ओलिंपिक की गोल्ड मेडलिस्ट टीम ने भारतीय हॉकी की महिलाओं को 4-3 से हराया।

हालाकिं भारतीय महिला हॉकी टीम का पहला ओलिंपिक मैडल जीतने का सपना टूट गया हो लेकिन फिर भी टीम ने इतिहास रच दिया। ये पहली बार था जब टीम मैडल के लिए लड़ पाई थी। इस से पहले टीम मैडल लेने के लिए यहाँ तक नहीं पहुंच पाई थी।

भारतीय महिला हॉकी टीम बेहद ही शानदार तरह से खेली और उन्हें देख कर ऐसा जरा भी नहीं लग रहा था कि वह पहली बार ओलिंपिक की टर्फ पर इतना बड़ा मैच खेल रही हैं। भारत ने ब्रिटेन को कांटे की टक्कर दी। पहले क्वार्टर में ग्रेट ब्रिटेन को दो पेनाल्टी कॉर्नर मिले, जिसे वो गोल में बदल नहीं सकी।


पुरुष टीम ने भी गुरुवार को कांस्य पदक के मैच में जर्मनी को 5-4 से हराकर 41 साल बाद ओलंपिक पदक हासिल कर इतिहास रच दिया था। भारतीय महिला हॉकी टीम ओलंपिक में अब तक का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दिया।

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