आज टोक्यो ओलंपिक में भारत के लिए बेहद ही खास दिन है। आज रेसलर रवि दहिया गोल्ड मैडल के लिए लड़ेंगे। वे भारत के लिए पहले ही सिल्वर मैडल पक्का कर चुके हैं। रवि दहिया के घर पर खुशी का माहौल है। रवि की मां उर्मिला ने कहा कि उनका बेटा गोल्ड लेकर ही आएगा। उन्हें पुरा विश्वास है। ईश्वर से प्रार्थना की जा रही है।

दूसरी तरफ रवि के पिता राकेश दहिया ने कहा कि मेरे बेटे को कोई नहीं हरा सकता,वह गोल्ड ही लेकर आएगा. सभी को उस पर विश्वास है, बहुत मेहनत की है। उन्होंने आगे कहा कि जब वह सेमीफाइनल में पीछे था तब भी हमें डर नहीं लगा। हमें पता था कि वो जीतेगा। रवि की दादी उनकी जीत के लिए सुबह से पूजा पाठ कर रही है।

आपको जानकारी के लिए बता दें कि रवि कुमार दहिया ने पुरुषों के 57 किग्रा भार वर्ग के सेमीफाइनल में कजाखस्तान के नूरीस्लाम सानायेव को हराकर फाइनल में अपनी जगह पक्की की है.

रवि दहिया को अंतरराष्ट्रीय पहलवान बनाने के लिए उनके पिता ने भी कम मेहनत नहीं की है। मिली जानकारी के मुताबिक पिता राकेश दहिया रोजाना गांव से 70 किलोमीटर की दुरी तय कर के रवि के लिए दूध-मक्खन पहुंचाने के लिए जाते थे। वे रोजाना सुबह 3:30 बजे उठ जाते और पांच किलोमीटर पैदल चलकर रेलवे स्टेशन पहुंचते। आजादपुर स्टेशन पर उतरकर दो किलोमीटर का रास्ता फिर पैदल तय कर छत्रसाल स्टेडियम में पहुंचते थे।

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