साल 2003 का विश्व कप चल रहा था, इंडिया और पाकिस्तान की क्रिकेट टीम आईसीसी टूर्नामेंट का 36 मैच खेलने के लिए मैदान में मौजूद थी। बता दें कि भारत ने विश्व कप में हर बार पाकिस्तान को करारी मात दी है। इसलिए 2003 के विश्व कप में भी कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला। इस मैच में पाकिस्तान के गेंदबाजों ने इंडियन टीम पर शिकंजा कसने की खूब कोशिश की। लेकिन क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर की बदौलत पाकिस्तानी टीम पस्त हो गई।

बता दें कि सचिन तेंदुलकर ने पाकिस्तान के सर्वश्रेष्ठ तेज गेंदबाज शोएब अख्तर की जबरदस्त धुनाई की थी। सचिन ने शोएब की गेंदों को बाउंड्री के उस पार भेजने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। बता दें मैच में पाकिस्तान के तत्कालीन कप्तान वकार यूनुस ने टाॅस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय लिया। पाकिस्तानी टीम को लगा कि बड़ा स्कोर खड़ा करके टीम इंडिया को दबाव में ले लेंगे। उस मैच में सई अनवर की 101 रनों की पारी की बदौलत पाकिस्तान की टीम ने कुल 273 रन बना लिए।

अब टीम इंडिया को जीत के लिए 274 रन चाहिए थे। यह एक आसान लक्ष्य नहीं था, क्योंकि उन दिनों पाकिस्तान के तेज गेंदबाज शोएब अख्तर अपनी चरम पर थे। सचिन और सहवाग ओपनिंग करने आए। वीरेंद्र सहवाग 21 रन बनाते ही पवेलियन लौट गए। लेकिन सचिन ने पिच पर ऐसा पांव जमाया कि शोएब अख्तर, वसीम अकरम से लेकर वकार यूनुस तक कोई भी उनके प्रहार से बच नहीं पाया।

उस दिन सचिन ने अपने करियर की बेहतरीन पारी खेली। मैच के दौरान सचिन 75 गेंदों पर 98 रन बनाए, जिसमें 12 चौके और 1 छक्का शामिल था। अंत में राहुल द्रविड़ और युवराज सिंह की शतकीय साझेदारी की बदौलत टीम इंडिया ने वो मैच जीत लिया। सचिन तेंदुलकर को मैन आफ द मैच चुना गया।

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