भारतीय ओलंपिक संघ (आइओए) के संविधान में संशोधन और निर्वाचक मंडल तैयार करने के लिए गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट की शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव को नियुक्त किया। न्यायालय ने न्यायमूर्ति राव से कहा कि वह संविधान में संशोधन और 15 दिसंबर 2022 तक चुनाव कराने के लिए खाका तैयार करें।न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश राव देश में ओ¨लपिक के भविष्य को लेकर निष्पक्ष और विकास परक रवैया सुनिश्चित करेंगे।

नरिंदर बत्रा के खिलाफ उठाया गया कदम
आइओसी ने आठ सितंबर को आइओए को अंतिम चेतावनी जारी करते हुए कहा था कि वह शासन से जुड़े अपने मुद्दों को सुलझाएं और दिसंबर तक चुनाव संपन्न करें। इनमें विफल होने पर विश्व संस्था भारत पर प्रतिबंध लगा देगी। आइओसी के कार्यकारी बोर्ड की स्विट्जरलैंड के लुसाने में हुई बैठक में नरिंदर बत्रा के आइओए के अध्यक्ष पद से हटने के बाद किसी कार्यवाहक या अंतरिम अध्यक्ष को मान्यता नहीं देने का फैसला भी किया गया था। उसने कहा था कि वह किसी भी विषय पर बात करने के लिए महासचिव राजीव मेहता से संपर्क करेगा

जीव मेहता और आदिल सुमरिवाला होंगे बैठक में शामिल
शीर्ष अदालत ने इसके साथ ही आइओए के मौजूदा महासचिव राजीव मेहता और उपाध्यक्ष आदिल सुमरिवाला को अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आइओसी) की 27 सितंबर को होने वाली बैठक में भाग लेने की अनुमति भी प्रदान की। पीठ ने कहा, 'युवा मामले और खेल मंत्रालय के संयुक्त सचिव न्यायमूर्ति राव को तमाम व्यवस्था सुलभ कराएंगे जिसकी प्रतिपूर्ति आइओए करेगा।' पीठ में न्यायमूर्ति हिमा कोहली भी शामिल थीं।


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