हाल ही में भारतीय जनता पार्टी द्वारा संसदीय बोर्ड को लेकर एक बड़े बदलाव किए गए आपको बता दें कि इस संसदीय बोर्ड में उत्तर प्रदेश के दो बार मुख्यमंत्री रह चुके योगी आदित्यनाथ को इसमें शामिल नहीं किया गया है पुलिस अब आपको बता दें कि योगी आदित्यनाथ को एंट्री नहीं दी जाने के पीछे कई प्रकार की दलीले सामने आ लेकिन इसके पीछे भारतीय जनता पार्टी का है।

मामले को लेकर मिल रही जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है कि योगी आदित्यनाथ को इसमें शामिल न किए जाने को लेकर यह तर्क दिया जा रहा है कि इस बोर्ड में किसी भी मुख्यमंत्री को जगह नहीं दी है पुलिस टॉप आपको बता दें कि वही उत्तर प्रदेश के साथ-साथ मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री को भी इस संसदीय बोर्ड से बाहर कर दिया गया है। आपको बता दें कि 13 दिन चलने वाली वाजपेई सरकार को छोड़ दे तो नाइट में एनडीए सरकार बनी थी योगी आदित्यनाथ अभी से लोकसभा ही पहुंचे थे।

इसके अलावा आपको बता दें कि इस समय देश में राजनीति अपने चरम पर है क्योंकि कई राज्यों के विधानसभा चुनाव सामने हैं और ऐसे समय पर भारतीय जनता पार्टी अपना पूरा जोर लगा कर अब इन चुनावों पर अपना फोकस कर रही है ताकि आने वाले चुनावों में अधिक से अधिक राज्यों में अपनी सरकार बनाई जा सके।

वहीं इसके अलावा संसदीय बोर्ड की बैठक से योगी आदित्यनाथ का गायब होना और इसके साथ-साथ नितिन गडकरी का गायब होना सबके लिए एक चौंकाने वाला नतीजा था।

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