केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) ने बुधवार को कहा कि चीन द्वारा ब्रह्मपुत्र नदी पर एक जल विद्युत स्टेशन स्थापित करने का कोई भी प्रयास भारत और बांग्लादेश जैसे निचले विपक्षी राज्यों के अधिकार पर अतिक्रमण का काम करेगा।

जल शक्ति मंत्रालय में राज्य मंत्री रतन लाल कटारिया द्वारा सीडब्ल्यूसी की समीक्षा बैठक के दौरान इस मुद्दे पर चर्चा की गई। सीडब्ल्यूसी के अधिकारी तिब्बत में मेडोंग में ब्रह्मपुत्र में एक सुपर जल विद्युत स्टेशन स्थापित करने की चीन की कथित योजना का उल्लेख कर रहे थे। ।



भारत और चीन के बीच वर्ष 2006 में ट्रांस-बॉर्डर नदियों से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करने के लिए आधिकारिक स्तर तंत्र जैसे आधिकारिक मंच हैं। सीडब्ल्यूसी ने कहा कि इस तरह के मोड़ से दुबले मौसम के दौरान ब्रह्मपुत्र बेसिन में पानी की उपलब्धता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। बैठक में बाढ़ पूर्वानुमान और प्रबंधन पर भी चर्चा की गई। ब्रह्मपुत्र नदी के कारण बाढ़ से संबंधित मुद्दों पर भी चर्चा की गई। सीडब्ल्यूसी के अधिकारियों ने ऊपरी सियांग में एक परियोजना स्थापित करने की आवश्यकता के बारे में अवगत कराया जो असम के लिए अत्यधिक लाभदायक होगा।

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