जैसा कि आप जानते है मध्य प्रदेश की सियासत में अभी बहुत हलचल मची हुई है, ज्योतिरादित्य सिंधिया कॉंग्रेस पार्टी छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए है,अब लोगो का ऐसा मानना है कि सिंधिया सोनिया गांधी से नाराज़ है जिसके वजह से उन्होंने पार्टी छोड़ी है , वैसे आपको बता दे भारतीय राजनीती में सोनिया गाँधी के बारे में बहुत से अनसुलझे पहलु है, जिसे अभी सबके सामने आना है।

आज जो हम आपको बताएंगे शायद ही आपको इस सच के बारे में पता हो, राजीव अकेले सोनिया गाँधी के मित्र नहीं थे, माधवराव सिंधिया भी उनके अंतरंग मित्रों में से एक थे, माधवराव और सोनिया गाँधी की दोस्ती राजीव सोनिया की शादी से पहले से थी।

सोनिया और माधवराव का रिश्ता अक्सर कैमरे की नजरो से बचनें की नाकाम कोशिस करता था, दोनों छुप-छुप कर रेस्टोरेंट जाया करतें थे। वैसे माधवराव सिंधिया एक राजशाही परिवार से ताल्लुक रखते थे और पारिवारिक परम्परा कुछ ऐसी थी की सिंधिया वंश का कोई बेटा हो या बेटी शादी किसी राजशाही परिवार में ही होती थी, शायद यहीं वजह था जो दोनोँ ने कभी अपनें रिश्ते को सार्वजनिक नहीं किया।

1982 में एक रात को दो बजे माधवराव की कार का एक्सीडेंट आईआईटी दिल्ली के गेट के सामने हुआ था और उस समय कार में दूसरी सवारी थीं सोनिया गाँधी। दोनों को बहुत चोटें आई थीं, आईआईटी के एक छात्र ने उनकी मदद की, कार से बाहर निकाला, एक ऑटो रिक्शा में सोनिया को इंदिरा गाँधी के यहाँ भेजा गया, क्योंकि अस्पताल ले जाने पर कई तरह से प्रश्न हो सकते थे, जबकि माधवराव सिन्धिया अपनी टूटी टाँग लिये बाद में अकेले अस्पताल गये।

उस दिन दोनोँ शराब के नशे में थे, बाद में दोनोँ के रिश्तो में दरार आई और माधवराव सिंधिया सोनिया के आलोचक बन गये। 2001 में माधवराव की विमान दुर्घटना में मौत के साथ ही दोनों के रिश्तो की कहानी भी दफन हो गयी।

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