डिजिटल रेप क्या है यह आज हम आपको बताने वाले हैं। हमारे समाज के लिए और पूरी मानव सभ्यता के लिए एक कलंक की तरह है प्ले स्टोर पर लेकर बढ़ते समय के साथ रेप को लेकर भी जागरूकता पढ़नी चाहिए और इसी को लेकर आज हम आपको डिजिटल रेप के बारे में जानकारी देने वाले हैं।

आपको बता दें कि डिजिटल ड्रिप की शुरुआत साल 2012 में दिसंबर के महीने में निर्भया कांड के बाद की गई थी। आपको बता दें कि दिल्ली की चलती बस में एक महिला के साथ रेप किया गया था और उसके बाद पूरे देश भर में खास करके दिल्ली भर में इसके खिलाफ आंदोलन किए गए थे।

आपको बता दें कि अगर किसी व्यक्ति द्वारा किसी अन्य व्यक्ति की सहमति के बिना उसके प्राइवेट पार्ट में जबरन तरह से हाथ की उंगली अंगूठे या पैरों की उंगली डालना डिजिटल रेप की श्रेणी में माना जाता है। आपको बता दें कि साल 2012 में पहली बार इसे रेप की श्रेणी में रखा गया था। आपको बता दें कि उससे पहले इसे छेड़खानी की श्रेणी में रखा जाता था।

बता दें कि यह भी एक प्रकार का अब रेप है अगर इसे छेड़खानी के मामले में रखते थे तो व्यक्ति को सजा कम मिलती थी और वह आसानी से छूट जाते थे इसे अब रेप की श्रेणी में रखा गया है ताकि व्यक्ति को अधिक से अधिक कड़ी सजा मिले।

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