आज़ादी के 7 दशक बाद देश में बहुत कुछ बदल चुका है, आज भारत की स्थिति काफी अच्छी है और देश अभी भी प्रगर्ति की ओर अग्रसर है। वैश्विक स्तर पर देश की छवि मज़बूत हुई है। लेकिन आपको इस बारे में जानकारी नहीं होगी कि आजादी से दो दिन पहले देश का माहौल कैसा था?

चलिए, हम बताते हैं आज़ादी से पहले देश का हाल.

अगस्त 1947 में देश दो टुकड़ों में बंट चुका था। हिन्दू और मुस्लिमों का विभाजन होने लगा था। आज़ादी से दो दिन पहले यानी 13 अगस्‍त को मुस्लिम महिलाओं ने दिल्‍ली से ट्रेन में बैठकर पाकिस्‍तान जाना शुरू कर दिया था और वहीं पाकिस्तान में रहने वाली हिन्दू महिलाओं को भारत में भेजा जा रहा था।

पाकिस्‍तान से भारत आने वाली ट्रेनों की बोगियां लाशों से भरी हुई थीं। एक तरफ देश जहाँ आजादी का जश्न मना रहा था वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान और हिंदुस्तान के बंटवारे के कारण देश में खून खराबे का माहौल था।

हिंदुस्‍तान-पाकिस्‍तान सिर्फ 50 से 60 दिन के भीतर हुआ लाखों लोगों का विस्‍थापन था। ऐसा पूरी दुनिया में कहीं नहीं हुआ था। जब लोगों को बंटवारे के बाद पता चला तो लोग अपना घर, दुकानें, जमीन, जायदाद, संपत्‍ति, खेती सब छोड़कर हिंदुस्तान से पाकिस्तान और पाकिस्तान से हिंदुस्तान जा रहे थे।

विस्‍थापित लोगों की संख्‍या करीब 1.45 करोड़ थी। उस समय लगभग 72,26,000 मुसलमान भारत छोड़कर पाकिस्तान गए और 72,49,000 हिंदू और सिख पाकिस्तान छोड़कर भारत चले गए।

विभाजन के उस मंजर को याद कर के लोगों की आज भी रूह कांप उठती है। इसमें 20 लाख से ज्‍यादा लोग मारे गए थे। अपना सब कुछ छोड़ कर आए लोगों को फिर से काम काज, धंधा आदि ढूंढ़ना पड़ा और फिर से शुरुआत करनी पड़ी।

14 अगस्‍त को पाकिस्तान आजाद हुआ था। उन्हें इस बात की ख़ुशी थी कि उनके लिए एक अलग राष्‍ट्र यानी पाकिस्‍तान बन जाएगा। भले ही वो खुश थे, मगर बंटवारे में सीमा पार के भी लाखों घर उजड़े थे।


बंटवारे में लाखों लोग मारे गए और लाखों भाई, बहन, माता पिता आपस में बिछड़ गए।सबसे बड़ी विडंबना तो ये है कि आज़ादी के इतने सालों बाद भी पाकिस्तान से भारत के संबंध नहीं सुधरे हैं।

Related News