डेथ वारंट के अनुसार निर्भया के चारों दोषियों को 1 फरवरी को सुबह छह बजे फांसी पर लटकाया जाना है। लेकिन जिस तरह से एक के बाद एक कानूनी बाधाएं सामने आ रही हैं, उससे इस बात की भी आशंका जताई जा रही है कि एक ही दिन फांसी न देकर अलग-अलग दिन दोषियों को फांसी पर लटकाया जा सकता है।

दिल्ली में साल 2012 में हुए निर्भया गैंगरेप के दोषियों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास दया याचिका लगाई है, आपको बता दे कि चारों दोषी एक के बाद एक करके दया याचिका लगा रहे है और राष्ट्रपति ने याचिका खारिज कर दी है, लेकिन अब विनय शर्मा ने अपना नया पैतरा चला है, अब सवाल ये है कि अगर ऐसा ही होता रहा तो सभी को एक साथ फांसी के फंदे पर लटकाया मुश्किल हो सकता है।

वैसे आपको बता दे निर्भया के दोषियों को फंदे पर लटकाने के लिए जल्लाद तिहाड़ पहुंच चुका है। सूत्रों की मानें तो जेल प्रशासन की ओर से उपलब्ध कराई गई विशेष गाड़ी से जल्लाद शाम करीब पांच बजे तिहाड़ पहुंचा। सूत्रों की मानें तो जब जल्लाद को फांसी घर दिखाने के लिए जेल संख्या तीन में लाया गया तो अधिकारियों के अलावा किसी को इस बात की जानकारी नहीं थी। कर्मचारियों को बताया गया कि यह सरकारी कर्मचारी है।

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