अपने खून से प्रेमिका की मांग भरने वाला यह परमवीर चक्र विजेता
इंटरनेट डेस्क। आज हम सुनाते हैं कारगिल युद्ध के हीरो परमवीर चक्र विजेता कैप्टन विक्रम बत्रा की अनूठी प्रेम कहानी। कारगिल युद्ध में भारत ने पाकिस्तान को हर मोर्चे पर धूल चटाई थी।
कैप्टन विक्रम बत्रा कारगिल युद्ध से वापस लौटकर अपनी प्रेमिका से शादी करने वाले थे। बता दें कि विक्रम बत्रा और उनकी प्रेमिका डिंपल की मुलाकात साल 1955 में पहली बार पंजाब यूनिवर्सिटी में हुई थी। प्रेम संबंधों के दौरान डिंपल और बत्रा ने काफी वक्त बिताया। विक्रम बत्रा को याद कर आज भी डिंपल की आंखें भर आती हैं।
कारगिल युद्ध के बाद परमवीर चक्र विजेता विक्रम बत्रा जब शहीद होकर वापस आए तो उनकी प्रेमिका ने उनकी याद में आजीवन शादी नहीं करने का फैसला कर लिया। ऐसा निर्णय लेकर डिंपल ने कैप्टेन विक्रम बत्रा की लवस्टोरी को हमेशा-हमेशा के लिए अमर बना दिया। एक इंटरव्यू के दौरान डिंपल ने बताया कि एक बार जब मैंने उनसे शादी की बात की तो उन्होंने ब्लेड से अपना अंगूठा चीरकर खून से मेरा मांग भर दिया था।
कारगिल युद्ध के हीरो बत्रा
करगिल युद्ध में हम्प व राकी नाब जगहों को जीतने के बाद उन्हें कैप्टेन पद दे दिया गया। श्रीनगर-लेह की चोटी 5140 को विक्रम ने अपने साथियों के साथ मिलकर 20 जून 1999 को सुबह तीन बजकर 30 मिनट पर अपने अधिकार में कर लिया। इसके बाद कैप्टेन विक्रम को चोटी 4875 पर कब्जा करने की कमान सौंपी गई।
लेफ्टिनेंट अनुज नैय्यर के साथ मिलकर इस परमवीर चक्र विजेता ने कई पाकिस्तानी दुश्मनों को मौत के घाट उतार दिया। तभी एक विस्फोट में अनुज घायल हो गए। उन्हे पीछे खींचते वक्त विक्रम की छात्री में एक गोली लगी और 7 जुलाई 1999 को इंडियन आर्मी का यह शेर सदा के लिए अमर हो गया। इस शौर्य के लिए कैप्टेन विक्रम बत्रा को 1999 में मरणोपरांत परमवीर चक्र से नवाजा गया।