भारत और अफगानिस्तान के बीच का राजनयिक रिश्ता वर्षों पुराना है। एक ऐसा भी समय था, जब अफगानिस्तान ने भारत को पाकिस्तान से दुश्मनी खत्म करने का सुझाव दिया था। इस सुझाव को जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे।
जी हां, वह दौर था 1977 का, जब देश के पहले गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई की सरकार में विदेश मंत्री थे अटल बिहारी वाजपेयी।

जी हां, सच में उन दिनों अफगानिस्तान की आर्थिक स्थिति बहुत मजबूत थी। सितंबर 1978 में अटल बिहारी वाजपेयी अफगानिस्तान दौरे पर गए थे। उन्होंने वहां के प्रधानमंत्री अमीन सहित अन्य स्थानीय नेताओं से मुलाकात की थी।
एक वरिष्ठ पत्रकार के मुताबिक, उस वक्त अफगानिस्तान के प्रधानमंत्री अमीर ने अटल बिहारी वाजपेयी के सामने एक ऐसा प्रस्ताव रखा था, जिसे सुनकर वाजपेयी भी सन्न रह गए थे।

बता दें कि अमीन ने वाजपेयी से कहा था कि भारत और अफगानिस्तान को एक साथ पाकिस्तान पर हमला कर देना चाहिए। इसके बाद दोनों देश पाकिस्तान को आधा-आधा बांट लेंगे। वाजपेयी यह प्रस्ताव सुनकर चौंक गए थे, क्योंकि उन्हें ऐसे प्रस्ताव की उम्मीद नहीं थी।

गौरतलब है कि वही अफगानिस्तान आज की तारीख में तालिबान और अन्य आतंकवादी संगठनों जैसी समस्याओं का सामना कर रहा है। जबकि उन दिनों वह पाकिस्तान पर आक्रमण करने की हैसियत रखता था।

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