इंटरनेट डेस्क। 1965 का भारत-पाक युद्ध सबको याद है। इस युद्ध में जब पाकिस्तानी फ़ौज ने जम्मू कश्मीर में एलओसी पार करने की जर्रत दिखाई तब भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने इंडियन आर्मी को पाकिस्तानी इलाके कब्जा करने का निर्देश जारी किया था। लिहाजा भारतीय सेना अपनी कार्रवाई को अंजाम देते हुए लाहौर तक पहुंच गई थी। इसके बाद सोवियत संघ रूस की पहल पर भारत पड़ोसी देश पाकिस्तान के साथ को ताशकंद समझौते के लिए राजी हुआ। 10 जनवरी को भारत-पाक बीच ताशकंद समझौता और उसके अगले दिन यानि 11 जनवरी को हमारे देश के सबसे ईमानदार प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी की मौत हो गई।

सीनियर जर्नलिस्ट कुलदीप नैयर की किताब बियॉन्ड द लाइन्स में वर्णित है कि ताशकंद समझौते की अगली रात शास्त्री जी ने तत्कालीन राजदूत टीएन कॉल के घर से आया हुआ थोड़ा सा खाना खाया था। इसके बाद लाल बहादुर शास्त्री को थोड़ी सी बेचैनी हुई और उनके असिटेंट जगन्नाथ ने उन्हें पानी पिलाया। इसके कुछ ही देर बाद लाल बहादुर शास्त्री की मौत हो गई। जब शास्त्रीजी की डेडबॉडी दिल्ली लाई गई उस वक्त उनके शरीर पर कटे हुए निशान थे, तथा पूरा शरीर नीला पड़ गया था।

जब उनकी पत्नी ललिता शास्त्री ने इसकी वजह पूछी तो डॉक्टरों ने दबी जुबां में कहा था, ऐसा तभी होता है, जब किसी को सांप काटे या फिर जहर दिया गया है।

शास्त्री जी की मौत का रहस्य

-देश के प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का पोस्टमार्टम ना ही भारत में हुआ और ना ही रूस में।

-शास्त्रीजी को घंटी, टेलिफोन अथवा चिकित्सक उपलब्ध नहीं कराए गए थे।

-एकांत में हुई थी शास्त्रीजी की मौत, ताकि कोई गवाह मौजूद ना रहे।

- लाल बहादुर शास्त्री के निजी सहायक जगन्नाथ और डॉक्टर की मौत हो गई?

- पत्नी ललिता शास्त्री ने लाल बहादुर शास्त्री की मौत के जांच की मांग की थी।

Related News