इमरजेंसी के दिनों में संजय गांधी की छवि खराब करने में उनके कुछ करीबी लोगों ने प्रमुख भूमिका निभाई थी। उनके खास लोग इस दौरान सबसे अधिक फायदा उठाने में लगे थे। बॉलीवुड अभिनेत्री अमृता सिंह की मां रूखसाना सुल्तान संजय गांधी की बेहद करीबी मानी जाती थीं।

उस समय संजय गांधी और रूखसाना सुल्तान के बारे में भी काफी बातें हुई थी। रूखसाना उन सब लोगों की बातों का करारा जवाब दे कर उनका मुँह बंद करवा देती थी और वे ये कहती थी कि संजय गांधी उनके बेहद करीबी दोस्त हैं।

आपातकाल के दौरान रूखसाना सुल्तान ने अपनी ताकत का काफी फायदा उठाया। परिवार नियोजन से लेकर जामा मस्जिद के सौदर्यीकरण का काम रूखसाना सुल्तान के हाथों में था। रुखसाना अपने कई कार्यक्रम संजय गांधी के नाम पर चलाया करती थी और लोगों को ये बात पसंद नहीं थी। इसलिए लोग संजय गांधी से नफरत किया करते थे।

आपातकाल के बाद जैसे ही देश में जनता पार्टी की सरकार बनी, रूखसाना सुल्तान सियासी गलियारे से गायब हो गई। लेकिन जब उनकी बेटी अमृता सिंह​ की पहली फिल्म बेताब साल 1983 में रिलीज हुई तो रुखसाना एक बार फिर से चर्चा में आई। इस मूवी ने बॉक्स आफिस पर धमाल मचा दिया।

80 के दशक की मशहूर अभिनेत्रियों में एक अमृता सिंह का अफेयर विनोद खन्ना से था। जिसे अमृता सिंह की मां रूखसाना सुल्तान बिल्कुल ही नापसंद करती थी। उन्होंने अपने बेटी को विनोद खन्ना से दूर रहने के लिए भी कहा और बाद में अपनी ताकत से उन्हें अलग करवा ही दिया।

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