हाई कोर्ट के आदेश पर नहीं किया गौर इसलिए इन पुलिस कर्मियों को करनी होगी अपनी तनख्वाह वापस
घरेलू हिंसा के एक मामले में दो व्यक्तियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट पर अदालत का आदेश नहीं मानने पर मद्रास हाई कोर्ट ने 2 महिला पुलिस अधिकारियों का सैलरी वापस लेने के निर्देश दिए हैं जस्टिस पी. वेलमुरुगन का यह हालिया आदेश याचिकाकर्ता की अपने सास-ससुर के खिलाफ उस याचिका पर आया जिसमें उसने प्रथम प्रतिवादी पुलिस को स्थानीय अदालत द्वारा गैर जमानती वारंट क्रियान्वित करने का आदेश देने की मांग की थी।
हालांकि दोनों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी जिसमें गैर जमानती वारंट को रद्द करने की मांग की गई थी लेकिन कोर्ट ने पुलिस वारंट क्रियान्वित करने और अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया था अदालत ने कहा कि प्रासंगिक समय में दोनों महिला अधिकारी पुलिस थाने में इंस्पेक्टर के पद पर तैनात अहइ स्पष्ट है कि दोनों ने अदालत के आदेश का पालन नहीं किया और कोई भी बड़ा कदम नहीं उठाया ऐसे में लोक सेवक होने के नाते दोनों ने अपने दायित्वों का ढंग से निर्वहन नहीं किया है।
लोक सेवक होने के कारण दोनों को ही सार्वजनिक धन से वेतन मिल रहा है और अदालत का आदेश नहीं मानने की वजह से उन्हें उस अवधि के लिए वेतन नहीं पाने का अधिकारी माना गया है इस राशि को तमिलनाडु सरकार को वापस भेजा जाएगा और इस बाबत कार्रवाई रिपोर्ट फरवरी 2022 से पहले इस अदालत में दाखिल करवानी होगी।