ये हैं भारतीय सेना के तीन प्रमुख अंग, जिनकी दहाड़ से थर्राता हैं दुश्मन
आज हम आपको भारतीय सेना के तीन प्रमुख अंगों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनकी दहाड़ से दुश्मन भी काँप उठते हैं। आपको भी इनके बारे में जान लेना चाहिए।
भारतीय थलसेना: भारतीय सेना का प्राथमिक उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा और राष्ट्रवाद की एकता सुनिश्चित करना, राष्ट्र को बाहरी आक्रमण और आंतरिक खतरों से बचाव, और अपनी सीमाओं पर शांति और सुरक्षा को बनाए रखना हैं। यह प्राकृतिक आपदाओं और अन्य गड़बड़ी के दौरान मानवीय बचाव अभियान भी चलाते है। यह भारतीय नौसेना और भारतीय वायुसेना के साथ राष्ट्रीय शक्ति का एक प्रमुख अंग है।
भारतीय नौसेना: भारतीय नौसेना भारतीय सेना का सामुद्रिक अंग है जो कि 5600 वर्षों के अपने गौरवशाली इतिहास के साथ न केवल भारतीय सामुद्रिक सीमाओं अपितु भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति की भी रक्षक है। 55,000 नौसेनिकों से लैस यह विश्व की पाँचवी सबसे बड़ी नौसेना हैं। भारतीय सीमा की सुरक्षा को प्रमुखता से निभाते हुए विश्व के अन्य प्रमुख मित्र राष्ट्रों के साथ सैन्य अभ्यास में भी सम्मिलित होती है।
भारतीय वायुसेना: आज़ादी के बाद से ही भारतीय वायुसेना पडौसी मुल्क पाकिस्तान के साथ चार युद्धों व चीन के साथ एक युद्ध में अपना योगदान दे चुकी है। यह भारतीय सशस्त्र सेना का एक अंग है जो वायु युद्ध, वायु सुरक्षा, एवं वायु चौकसी का महत्वपूर्ण काम देश के लिए करती है। भारतीय वायु सेना में किसी भी समय एक से अधिक एयर चीफ मार्शल सेवा में कभी नहीं होते। यह संयुक्त राष्ट्र के शांति मिशन का भी सक्रिय हिसा रही है।