मां समान सास के साथ दामाद ने कर दी ऐसी शर्मनाक करतूत, जिसे सुन खौल जाएगा आपका खून, भड़का हाईकोर्ट, दे दी ऐसी सजा
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बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने उस दरिंदे दोषी व्यक्ति की सजा बरकरार रखी जिसने अपनी सास के साथ दुष्कर्म किया। हाईकोर्ट ने कहा कि यह एक शर्मनाक कृत्य था और पीड़िता दोषी के लिए मां के समान थी। जस्टिस जीए सनप की एकल पीठ ने ये भी कहा कि पीड़िता उसकी मां की उम्र की थी और उसने “उसके नारीत्व को कलंकित किया।”
पीठ ने कहा कि जिस पीड़िता के साथ ये ऐसी दरिंदगी की गई, उसका दामाद इस तरह की घिनौनी हरकत कर सकता है और वह जीवन भर इस कलंक को झेलती रहेगी।
जानें क्या है मामला
दोषी ने सत्र अदालत के मार्च 2022 के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, जब उसे दिसंबर 2018 में अपनी 55 वर्षीय सास के साथ दुष्कर्म का दोषी मान कर 14 साल जेल की सजा सुनाई गई थी। शिकायतकर्ता ने ये भी बताया था कि उसजा दामाद और बेटी अलग हो गए थे, जिसके बाद उसके दोनों नाती अपने पिता के साथ रह रहे थे । घटना के दिन उसका दामाद उसके घर पहुंचा। उसने इस दौरान झगड़ा भी किया और कहा कि वह अपनी बेटी को फिर से उससे मिलाने की कोशिश करे।
पत्नी से लड़ने के बाद सास को बनाया हवस का शिकार
शिकायकर्ता के मुताबिक, दामाद ने जब दबाव डाला तो पीड़िता उसके साथ जाने को राजी हो गई, लेकिन रास्ते में आरोपी ने शराब पीकर उसके साथ तीन बार रेप किया। पीड़िता ने अपनी बेटी को घटना के बारे में जानकारी देते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। दोषी व्यक्ति ने अपनी याचिका में ये कह दिया कि ये यौन संबंध आपसी सहमति से बनाया गया था। हालांकि, हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता की दलील मानने से इनकार कर दिया और कहा कि पीड़िता 55 वर्ष की है और इस उम्र में वह अपने ऊपर ऐसा कलंक नहीं लगवाना चाहेगी।
हाईकोर्ट ने कहा, “पुलिस में ऐसे मामले की शिकायत दर्ज कराना चरित्र पर कलंक लगने का कारण बन सकता है। अगर यह सहमति से किया गया कृत्य होता, तो वह पुलिस को घटना की सूचना ही नहीं देती। अगर यह सहमति से किया गया कृत्य होता, तो वह इस बारे में अपनी बेटी को भी नहीं बताती।”