मतदान केंद्रों पर फोन ले जा सकते हैं या नहीं, अदालत फैसला करेगी
pc: news24online
बॉम्बे हाई कोर्ट ने 18 नवंबर को एक याचिका पर सुनवाई तय की है, जिसमें मतदाताओं को मतदान केंद्रों पर मोबाइल फोन लाने और डिजी लॉकर ऐप के माध्यम से पहचान दिखाने की अनुमति देने की मांग की गई है। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना की सदस्य एडवोकेट उजाला यादव द्वारा दायर याचिका में तर्क दिया गया है कि आम मतदाताओं के लिए मोबाइल फोन पर प्रतिबंध लगाना अनुच्छेद 14 के तहत संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है, क्योंकि मतदान कर्मचारियों और चुनाव अधिकारियों को अपने मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति है।
मतदाताओं, विशेष रूप से कमजोर समूहों के लिए असुविधा
याचिका में वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं और अकेले मतदाताओं को होने वाली असुविधा को उजागर किया गया है, जो मोबाइल फोन प्रतिबंध के कारण मतदान से बच सकते हैं। यादव ने तर्क दिया कि आज की डिजिटल दुनिया में, मोबाइल फोन संचार के लिए एक आवश्यकता है, और मतदाताओं को सरकार द्वारा अनुमोदित डिजी लॉकर ऐप के माध्यम से डिजिटल रूप से पहचान प्रस्तुत करने की अनुमति देने से मतदान प्रक्रिया सुव्यवस्थित होगी।
मतदान केंद्रों के पास मोबाइल फोन के इस्तेमाल पर चुनाव आयोग का रुख
14 जून, 2023 को जारी एक अधिसूचना में, भारत के चुनाव आयोग ने कहा कि केवल चुनाव पर्यवेक्षक, अधिकृत अधिकारी और पुलिसकर्मी ही मतदान केंद्रों के 100 मीटर के दायरे में मोबाइल डिवाइस ले जा सकते हैं। इस नियम का उद्देश्य सुरक्षा बनाए रखना और व्यवधानों को रोकना है, लेकिन यादव की याचिका में तर्क दिया गया है कि यह आम मतदाताओं को अनुचित रूप से प्रतिबंधित करता है और आधुनिक डिजिटल प्रथाओं के साथ तालमेल नहीं रखता है।
डिजिटल आईडी सत्यापन का बढ़ता उपयोग
याचिका में डिजी लॉकर ऐप के व्यापक रूप से अपनाए जाने की ओर इशारा किया गया है, जिसके 321 मिलियन से अधिक उपयोगकर्ता हैं और इसमें सरकारी विभागों द्वारा जारी किए गए 7.76 बिलियन से अधिक दस्तावेज़ हैं, जो मतदाता पहचान में डिजिटल समाधानों की आवश्यकता का प्रमाण है।
हाई कोर्ट का आगामी निर्णय मतदान केंद्रों पर मोबाइल फोन के उपयोग के नियमों को प्रभावित कर सकता है, खासकर 20 नवंबर को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव करीब है।