छापा मारने के लिए दरवाजे पर खड़ी थी ACB की टीम तो तहसीलदार ने गैस चूल्हे पर रख कर जला दिए 15 लाख रुपए
राजस्थान (Rajasthan Crime News) में भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है। ऐसे में जब एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम पिंडवाड़ा (सिरोही) के तहसीलदार कल्पेश जैन के घर पर छापा मारने पहुंची, तो उन्होंने रिश्वत के रूप में 15 लाख रुपये लिए और उसे आग लगा दी (15 लाख रुपए)। सूत्रों के अनुसार, बुधवार रात कल्पेश के घर पर कई छापे मारे गए। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो छापे ने 8 बैंक खातों, 3 पोस्ट ऑफिस खातों और कार्यालय लॉकरों को सील कर दिया है।
इससे पहले, एसडीएम पिंकी मीणा को दौसा जिले में एक राजमार्ग निर्माण कंपनी से रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। मामले में जयपुर मुख्यालय से एसीबी की टीम ने दौसा एसडीएम पुष्कर मित्तल को 5 लाख की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा था। बांदीकुई एसडीएम पिंकी को 10 लाख रुपये घूस लेने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। पिंकी को 14 जनवरी को जेल भेज दिया गया था।
पिंकी को 11 फरवरी को उच्च न्यायालय ने 10 दिन की अंतरिम जमानत दी थी। उनकी शादी 16 फरवरी को हुई थी। शादी के बाद, पिंकी ने 21 फरवरी को अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया, जिसके बाद वह जल गई। पिंकी मीणा को जयपुर के घाटगेट महिला जेल में रखा गया था। पिंकी को मामले में जमानत दे दी गई।
दूसरी ओर, एसीपी कैलाश बोहरा, जिन्होंने रिश्वत में बलात्कार पीड़िता से सम्मान की मांग की थी, समय से पहले सेवानिवृत्त हो गए। यानी सरकार ने नरम रुख दिखाते हुए एसीपी कैलाश बोहरा को बर्खास्त करने के बजाय उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी। रिश्वतखोरी में बलात्कार पीड़िता से सम्मान मांगने वाले एसीपी कैलाश बोहरा को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने के मामले में सरकार ने उच्च स्तरीय स्थायी समिति की सिफारिशों का हवाला दिया है। इसके साथ ही एसीपी बोहरा को भी तीन महीने का अग्रिम वेतन मिलेगा। एसीपी कैलाश बोहरा को रेप पीड़िता से रिश्वत मांगते रंगे हाथ पकड़ा गया था।