Target Killings In Kashmir: कश्मीरी पंडितों की वर्तमान हालात पर मोदी सरकार को जारी करना चाहिए श्वेत पत्र : कांग्रेस
कांग्रेस पार्टी ने मोदी सरकार से कश्मीरी पंडितों की दुर्दशा पर श्वेत पत्र जारी करने की मांग की है । विपक्षी पार्टी ने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर हमला करते हुए जम्मू-कश्मीर में कश्मीरी पंडितों की टारगेट किलिंग पर उससे माफी मांगने को कहा।
कर्मचारियों को काम पर लौटन के लिए किया जा रहा मजबूर
खेड़ा ने कहा कि भाजपा सिर्फ जीरो टालरेंस की बातें करती है, लेकिन वास्तव में राजीव गांधी ने उसे कर के दिखाया था। भाजपा को फटकार लगाते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि कश्मीर में 70 मंत्री लोगों तक पहुंचने के कार्यक्रम में लगाए गए हैं, लेकिन क्या उनमें से किसी ने भी कश्मीरी पंडितों के शिविर का दौरा किया है। अगर वे कश्मीरी पंडितों के शिविर में नहीं गए तो फिर कैसा संपर्क कार्यक्रम। एक सरकारी आदेश का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि कश्मीरी पंडित कर्मचारियों को वापस घाटी में काम पर लौटने के लिए मजबूर किया जा रहा है।
80 लोगों की हो चुकी है हत्या
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि इस साल जनवरी से अक्टूबर तक 80 लोगों की हत्या हो चुकी है। हाल के दिनों में आतंकियों ने कश्मीरी पंडितों की चुन-चुन कर हत्या की है। इससे डरकर शोपियां जिले के चौधरीकुंड गांव से 10 कश्मीरी पंडित परिवार पलायन कर जम्मू चला गया है और घाटी लौटने से इन्कार कर दिया है। 15 अक्टूबर को गांव में कश्मीरी पंडित पूरन कृष्ण भट की आतंकियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। हालांकि, जिला प्रशासन ने कश्मीरी पंडित ने पलायन से इन्कार किया है।
1989 में पहली बार हुआ था घाटी से पलायन
कांग्रेस मुख्यालय में प्रेस कांफ्रेंस में पार्टी के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने कहा कि 1989 में घाटी से जब कश्मीरी पंडितों का पहली बार पलायन हुआ था तब वीपी सिंह की सरकार थी और भाजपा उसे समर्थन दे रही थी। उन्होंने कहा कि 1986 में कश्मीरी पंडितों के खिलाफ जब पहला दंगा हुआ था तब केंद्र में राजीव गांधी की सरकार थी। कश्मीरी पंडितों ने नेशनल स्टेडियम से राजीव गांधी के कार्यालय तक पदयात्रा की थी। राजीव गांधी ने उनकी परेशानियां सुनी और गुलाम मोहम्मद शाह की सरकार को बर्खास्त कर दिया।