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दोस्तों, आपको बता दें कि भारत की पहली परमाणु पनडुब्बी आईएनएस अरिहंत ने सोमवार को अपना पहला गश्त अभियान पूरा किया है। इसके बाद भारत ने त्रिकोणीय परमाणु क्षमता को व्यवहार में लाने का ऐलान किया है। इस स्टोरी में हम आपको परमाणु पनडुब्बी आईएनएस अरिहंत से जुड़ी कुछ खास बातें बताने जा रहे हैं।

- अरिहंत का शाब्दिक अर्थ है जो दुश्मन को नष्ट करने में सक्षम हो। बता दें स्वदेशी परमाणु पनडुब्बी अरिहंत पानी की सतह से तथा पानी के अंदर से किसी विमान को अपना निशाना बना सकती है।

- भारत अब जल, थल और नभ से परमाणु हमला करने में सक्षम हो गया है। आकाश और जमीन पर यह परमाणु क्षमता मिराज और अग्नि बैलेस्टिक मिसाइल के जरिए हासिल की गई थी। अब जल से परमाणु हमला करने के लिए परमाणु पनडुब्बी अरिहंत पूरी तरह से तैयार है।

- बता दें कि अमेरिका के पास सबसे ज्यादा परमाणु पनडुब्बियां हैं। जिनकी संख्या करीब 70 है। वहीं रूस के पास ऐसी 30 पनडुब्ब्यिां हैं। ब्रिटेन और फ्रांस के पास इनकी संख्या 10 से 12 है। इस क्रम में अमेरिका, फ्रांस, रूस, ब्रिटेन और चीन के बाद भारत ऐसा छठा देश है जिसने परमाणु पनडुब्बी बनाने में कामयाबी हासिल की है।

- स्वदेशी परमाणु पनडुब्बी आईएनएस अरिहंत की मारक क्षमता 3500 किलोमीटर तक है। जबकि अमेरिका, रूस और चीन की पनडुब्बियां 5 हजार किलोमीटर तक मार कर सकती हैं।

- परमाणु पनडुब्बी आईएनएस अरिहंत का वजन 6000 टन है। यह पनडुब्बी बैलिस्टिक मिसाइलों से युक्त है।

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