इंडियन आर्मी की ताकत दूसरे देशों के हथियारों पर टिकी हुई है, जानिए कैसे ?
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दोस्तों, आपको जानकारी के लिए बता दें कि अभी हाल में ही अमेरिकी प्रतिबंधों की चेतावनी को दरकिनार कर भारत ने रूस के साथ एस-400 मिसाइल समझौत पर हस्ताक्षर किया है। जाहिर है रूस के एस-400 मिसाइल सिस्टम की बदौलत भारतीय सेना रक्षा मामले में पहले से ज्यादा मजबूत हो जाएगी।
अगर ग्लोबल इंडेक्स-2017 की एक रिपोर्ट की बात की जाए तो सैन्य ताकत के मामले में दुनियाभर के 133 देशों की सूची में भारतीय सेना चौथे पायदान पर मौजूद है। इस लिस्ट में अमेरिका, रूस, चीन के बाद भारत को स्थान दिया गया है।
लेकिन कभी आपने यह बात सोची है कि दूसरे देशों के सैन्य हथियारों के दम पर भारतीय सेना आखिर कब तक ताकतवर बनी रहेगी। बतौर उदाहरण इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टिट्यूट रिपोर्ट के मुताबिक, भारत दुनिया का सबसे बड़ा हथियार आयातक देश है।
पिछले 5 वर्षों के दौरान भारत ने अपनी सेना के लिए 24 फीसदी से ज्यादा हथियारों का आयात किया है। दुनिया के आयातित हथियारों के मामले में भारत का हिस्सा कुल 13 प्रतिशत है। आपको यह बात जानकारी के लिए बता दें कि भारत सबसे ज्यादा हथियार अपने मित्र देश रूस से खरीदता है। मतलब साफ है, भारतीय सेना दूसरे देश के हथियारों पर ही टिकी हुई है।
ऐसे में यह बात आसानी से कही जा सकती है कि हथियारों के लिए दूसरे देशों का मुंह ताकने वाली भारतीय सेना खुद को ताकतवर कैसे कह सकती है ! ऐसा अक्सर देखा गया है कि वैश्विक राजनीति के करवट लेते ही सहयोगी देश भी मुंह फेर लेते हैं, ऐसे में भारतीय सेना का क्या होगा।
विशेष बात यह है कि भारतीय सेना के लिए 70 फीसदी सैन्य हथियार रूस से खरीदे जाते हैं। लेकिन अगर कभी रूस ने भारत की जगह किसी अन्य देश को चुन लिया तो इंडियन आर्मी का क्या होगा।
गौरतलब है कि वर्तमान में भारत दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका से भी हथियार खरीदता है, लेकिन कभी संबंध खराब होने हम किस देश से सर्वश्रेष्ठ हथियार खरीदेंगे, यह एक चिंता का विषय है।