डेस्क: किसान आंदोलन से एक किसान नेता के तौर पर उभरने वाले राकेश टिकैत पिछले कुछ समय से काफी सुर्खियों में छाए हुए हैं। खासकर नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन करते हुए 26 जनवरी की घटना ने उनकी छवि को और उजागर किया। अलग-अलग आंदोलनों का हिस्सा रहने के कारण शिकायत कई बार जेल जा चुके हैं। यह भी कहा जाता है कि राकेश टिकैत देश के सबसे अमीर किसान हैं।


पिता जैसे नहीं बन सके हैं लोकप्रिय

51 वर्षीय राकेश का जन्म 4 जून 1969 को उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में हुआ था। उनके पिता महेंद्र सिंह टिकैत भी एक किसान नेता थे। साथ ही वह भारतीय किसान यूनियन के सह संस्थापक भी थे। अभी राकेश टिकैत भारतीय किसान यूनियन के वर्तमान प्रवक्ता हैं। लेकिन उनकी लोकप्रियता उनके पिता जैसी अभी भी नहीं हो सकी है।

एमए की डिग्री धारक हैं राकेश टिकैत

राकेश टिकैत एक पढ़े लिखे व्यक्ति हैं जिन्होंने मेरठ के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से अपनी उच्च शिक्षा प्राप्त की। उनके प्राथमिक शिक्षा के बारे में आधिकारिक तौर पर कोई जानकारी नहीं है लेकिन राकेश टिकैत के पास एमए की डिग्री है। बता दें कि वह अपने पिता के 6 संतानों में से दूसरे नंबर पर हैं।

राजनीतिक करियर में रहे असफल

राकेश टिकैत को किसान के अलावा एक राजनीतिज्ञ और व्यवसाई के तौर पर देखा जा सकता है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत वर्ष 1992 में की थी। आजकल वह किसानी छोड़कर राजनीति के मैदान में ही अधिक दिखाई पड़ते हैं। हालांकि अपने राजनीतिक करियर में उन्हें कभी सफलता नहीं मिली। 2014 के लोकसभा चुनाव के साथ ही उन्होंने कई अन्य चुनाव भी लड़े लेकिन उन्हें कभी सफलता नहीं मिली।


कई चुनावों में बुरी तरह से हारे

2007 के यूपी विधानसभा चुनाव में खतौली सीट से वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के टिकट से खड़े हुए थे लेकिन उन्हें जीत नसीब नहीं हुई। 2014 के लोकसभा चुनाव में राकेश टिकैत ने राष्ट्रीय लोक दल के टिकट से अमरोहा लोकसभा से चुनाव लड़ा था लेकिन इस बार भी उन्हें बुरी तरीके से हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद भी उन्होंने राजनीति करना नहीं छोड़ा। 2018 में हरिद्वार से दिल्ली तक हुई किसान क्रांति यात्रा के नेता राकेश टिकैत थे।

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दिल्ली पुलिस की नौकरी छोड़ बने किसान नेता

1992 में अपने करियर की शुरुआत में वह दिल्ली पुलिस विभाग में एक पुलिस अधिकारी बने। लेकिन बाद में 1993-94 के दिल्ली के किसान आंदोलन के दौरान उन्होंने नौकरी छोड़ दी और इस आंदोलन से जुड़ गए। आगे उन्होंने अपने पिता के भारतीय किसान यूनियन में जुड़ गए और इसके सदस्य के रूप में कई आंदोलनों में शामिल हुए। 2011 में अपने पिता के निधन के बाद वह अधिकारिक तौर पर भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता बन गए।

पैतृक संपत्ति से बने करोड़पति

राकेश टिकैत के गृहनगर उत्तर प्रदेश में उनका एक आलीशान घर है जहां उनका पूरा परिवार रहता है। यह उनका पुश्तैनी घर है जिसे उनके बाप-दादा ने बनवाया था। इसके अलावा उत्तर प्रदेश के कई जगहों में उनके खेत और जमीन है। यह भी उनके बाप-दादाओं ने ही खरीद रखा था। इन्हीं की बदौलत आज राकेश टिकैत देश के बहुत अमीर किसान के तौर पर जाने जाते हैं।

करोड़ों की है कुल संपत्ति

अधिकारिक सूत्रों की माने तो राकेश टिकैत की कुल संपत्ति 80 करोड़ रुपए से भी अधिक है। बताया जाता है कि उनके संपत्ति का अधिकांश हिस्सा उनके पिता और दादा द्वारा व्यवसाय और खेती करके अर्जित किया गया था। इसका कुछ हिस्सा ही उन्होंने खुद कमाया है। उनकी संपत्ति में उनके घर, खेत व कुछ साधारण गाड़ियां शामिल है। 2020-21 के दौरान राकेश टिकैत ने अलग पहचान हासिल कर ली है। कुछ लोग उन्हें पसंद कर रहे हैं तो कुछ लोग यह मान रहे हैं कि वह केवल किसानों को बरगला रहे हैं।

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