जयपुर। अंत्योदय के भाव से पिछले एक दशक में देश ने अभूतपूर्व विकास किया है। आज भारत विश्व की पांच बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है। देश का मजबूत विदेशी मुद्रा भण्डार हमारी आर्थिक उन्नति को दर्शाता है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय के विचार देश में सामाजिक परिवर्तन के प्रमुख आधार हैं।

ये बात उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय की 56वीं पुण्यतिथि पर रविवार को जयपुर के धानक्या में पंडित दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय स्मारक में आयोजित स्मृति व्याख्यान को सम्बोधित करते हुए कही है। जगदीप धनखड़ ने कहा कि उनका जीवन अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति को सशक्त बनाने के लिए समर्पित रहा। इन्हीं विचारों से उन्होंने अंत्योदय की परिकल्पना की एवं जीवन पर्यन्त इसे मूर्तरूप देने के लिए कार्य किया।

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय के यह विचार थे कि देश के विकास में महिलाओं का अहम योगदान हो और यह महिला सशक्तीकरण के बिना सम्भव नहीं हो पाएगा। वर्तमान समय में महिलाओं का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने हेतु नारी शक्ति वंदन अधिनियम बनाया गया है। देश में डिजिटल ट्रांजैक्शन की मजबूती से विश्व में भारत की मजबूत पहचान स्थापित हुई है।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि देश का अमृत काल ही हमारे लिए गौरव काल है। उन्होंने स्थानीय उद्योगों व स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए वोकल फॉर लोकल के तहत कार्य करने का आह्वान किया। धनखड़ ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय के सामाजिक व सांस्कृतिक योगदान को सदैव याद किया जाएगा।

PC: dipr.rajasthan

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