इंटरनेट डेस्क। राजस्थान के जालोर जिले में चारागाह (ओरण) की जमीन पर बने पक्के मकानों को तोडऩे की कार्रवाई को लेकर राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने आहोर, जालोर के ओडवाड़ा में अतिक्रमण हटाने के दौरान प्रशासन द्वारा बल प्रयोग करने के कदम की निंदा की है।

अशोक गहलोत ने इस संबंध में सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी बात कही है। अशोक गहलोत ने इस संबंध में ट्वीट किया कि आहोर, जालोर के ओडवाड़ा में अतिक्रमण हटाने के नाम पर 400 से अधिक घरों को तोडऩे के लिए प्रशासन द्वारा बल प्रयोग करना उचित नहीं है। यह गरीब परिवारों से जुड़ा मामला है। प्रशासन को इन परिवारों को उचित समय देना चाहिए था जिससे वो उसका कानूनी समाधान निकाल पाते।

मानवीय आधार पर देखे राज्य सरकार एवं प्रशासन
इस विषय को राज्य सरकार एवं प्रशासन मानवीय आधार पर देखे। इस संबंध में मेरी जालोर कलेक्टर से भी बात हुई है। हम इन पीडि़त परिवारों की कानूनी सहायता कर इनको न्याय सुनिश्चित करवाएंगे।

प्रशासन को सभी कानूनी रास्ते पूरे होने का इंतजार करना चाहिए
पूर्व में भी ऐसे कई मामले हुए हैं जिनमें उच्च या उच्चतम न्यायालयों का फैसला पीडि़त परिवारों के पक्ष में आया था। सीकर के पटवारी का बास गांव में ऐसा प्रकरण हुआ था जिसमें हाईकोर्ट के एक आदेश में घर तोडऩे का फैसला हुआ परन्तु दूसरे आदेश में इसे गलत माना और पीडि़त परिवारों को हमारी सरकार के समय पट्टे दिए गए। प्रशासन को सभी कानूनी रास्ते पूरे होने का इंतजार करना चाहिए एवं इसके बाद कोई कार्रवाई करनी चाहिए।
इससे पहले इस मामले में राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट भी अपनी प्रतिक्रिया दे चुक हैं।

PC: ndtv

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