पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद को लेकर चीन के साथ जारी तनातनी के बीच आज भारतीय वायुसेना की ताकत में चार चांद लग गया। फ्रांस में बने पांच राफेल लड़ाकू विमान की आज भारतीय वायुसेना के बेड़े में ग्रैंड एंट्री हो गई।

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और फ्रांस की रक्षामंत्री की मौजूदगी में अंबाला एयरबेस पर पांच राफेल विमान को आज भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया। इसके साथ ही एयरफोर्स की ताकत और बढ़ गई है।

देश में निर्मित तेजस लड़ाकू विमान ने अपना करतब दिखाया। अंबाला एयरबेस तेज की उड़ान से रोमांचित हो गया। वहां बैठे गणमान्य अतिथियों ने ताली बजाकर तेज की उड़ान का स्वागत किया।

राफेल की ताकत और इसकी 10 बड़ी खासियत:

दरअसल, राफेल 4.5वीं पीढ़ी का विमान है, जिसमें राडार से बच निकलने की युक्ति है। इससे भारतीय वायुसेना (आईएएफ) में आमूलचूल बदलाव होगा, क्योंकि वायुसेना के पास अब तक के विमान मिराज-2000 और सुखोई-30 एमकेआई या तो तीसरी पीढ़ी या चौथी पीढ़ी के विमान हैं।
राफेल की अधिकतम स्पीड 2,130 किमी/घंटा है और इसकी मारक क्षमता 3700 किमी. तक है।
राफेल में बहुत ऊंचाई वाले एयरबेस से भी उड़ान भरने की क्षमता है। लेह जैसी जगहों और काफी ठंडे मौसम में भी लड़ाकू विमान तेजी से काम कर सकता है।
राफल 24,500 किलो उठाकर ले जाने में सक्षम है और 60 घंटे अतिरिक्त उड़ान की गारंटी भी है।
राफेल विमान दो इंजनों वाला बहुउद्देश्यीय लड़ाकू विमान है।
यह लड़ाकू विमान परमाणु आयुध का इस्तेमाल करने में सक्षम है।
यह हवा से हवा में और हवा से जमीन पर हमले कर सकता है।
150 किमी की बियोंड विज़ुअल रेंज मिसाइल
राफेल हवा से जमीन पर मार वाली स्कैल्प मिसाइल है
स्कैल्प मिसाइल की रेंज 300 किमी, हथियारों के स्टोरेज के लिए 6 महीने की गारंटी है।
राफेल अत्याधुनिक हथियारों से लैस होने वाला लड़ाकू विमा है। इस जेट के साथ मेटेअर मिसाइल भी है।
1 मिनट में 60,000 फ़ुट की ऊंचाई और 4.5 जेनरेशन के ट्विन इंजन से लैस
पाकिस्तान का एफ-16 राफेल के सामने कुछ भी नहीं है। राफेल के सामने पाकिस्तान को अपने दो-तीन एफ-16 लड़ाकू विमान लगाने पड़ेंगे।

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