प्राचीन काल से ही राजस्थान की राजनीती बड़ी दिलचस्प रही हैं, अगर हम बात करें 2023 के विधानसभा चुनावों की तो किसने सोचा था कि वरिष्ठ नेताओं को छोड़कर भजनलाला शर्मा को मुख्यमंत्री का पद सौंप दिया जाएगा। अगर हम बात करें राजस्थान के 70 वर्ष की आयु पार कर चुके वरिष्ठ भाजपा नेताओं की भविष्य की भूमिकाओं को लेकर चर्चा हो रही है। क्या उन्हें पार्टी संगठन, राज्य सरकार में स्थान मिलेगा या संभवतः उन्हें वैकल्पिक जिम्मेदारियाँ सौंपी जाएँगी।

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किरोड़ी लाल मीना के हालिया इस्तीफे ने संभावित कैबिनेट फेरबदल के बारे में चर्चाओं को तेज कर दिया है। इनमें से कई दिग्गज नेता, जिनमें पूर्व मंत्री और मुख्यमंत्री शामिल हैं, वर्तमान में विधायक या राज्यसभा सदस्य के रूप में कार्यरत हैं। इनमें राजेंद्र राठौर, किरोड़ी लाल मीना, ओम माथुर, वसुंधरा राजे, घनश्याम तिवारी और देवी सिंह भाटी जैसे लोगों की भविष्य की भूमिकाएँ जांच और बहस के दायरे में हैं।

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राजस्थान की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले ओम माथुर और देवी सिंह भाटी जैसे संभावित उम्मीदवारों के इर्द-गिर्द चर्चाओं के साथ, राज्यसभा की एक खाली सीट राजनीतिक पैंतरेबाजी में और भी रोमांच जोड़ देती है।

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71 वर्षीय वसुंधरा राजे पर पूरी तरह से निगाहें टिकी हुई हैं, जो वर्तमान में भाजपा विधायक और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं। इस बारे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या उन्हें पार्टी पदानुक्रम में पदोन्नति मिलेगी या कहीं और प्रमुख भूमिका मिलेगी।

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