उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार ने हाल ही में राज्य प्रशासन में पारदर्शिता बढ़ाने और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण नीतिगत बदलाव की घोषणा की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आदेश दिया है कि उत्तर प्रदेश में सभी सरकारी कर्मचारियों को अपनी चल और अचल संपत्ति घोषित करनी होगी। यह उपाय जवाबदेही को बढ़ावा देने और निष्पक्ष शासन सुनिश्चित करने के व्यापक प्रयास का हिस्सा है।

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सभी सरकारी कर्मचारियों को 31 अगस्त, 2024 तक अपनी चल और अचल संपत्ति के बारे में विस्तृत जानकारी प्रस्तुत करनी होगी। यह डेटा मानव संपदा पोर्टल में दर्ज किया जाना चाहिए, जिसे इस उद्देश्य के लिए नामित किया गया है।

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जो कर्मचारी समय सीमा को पूरा करने में विफल रहते हैं, उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। उन्हें अगस्त का वेतन नहीं मिलेगा और उनकी पदोन्नति की संभावनाओं पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।

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इस आदेश का प्राथमिक लक्ष्य सरकारी कर्मचारियों के बीच पारदर्शिता बढ़ाना और भ्रष्टाचार के मुद्दों को संबोधित करना है। संपत्ति के खुलासे को अनिवार्य करके, सरकार का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि उसके कर्मचारियों के वित्तीय लेन-देन की जांच की जाए, जिससे एक अधिक जवाबदेह प्रशासनिक माहौल को बढ़ावा मिले।

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