बिहार सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए सरकारी कर्मचारियों के लिए मकान किराया भत्ता (HRA) बढ़ाने की घोषणा की है और मनरेगा के तहत काम करने वाले श्रमिकों के लिए बेरोजगारी भत्ता शुरू किया है। ये निर्णय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में स्वीकृत 25 प्रस्तावों का हिस्सा था, आइए एक नजर डालते हैं कल लिए फैसलों के उपर

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बढ़ा हुआ मकान किराया भत्ता

HRA की चार श्रेणियाँ: मकान किराया भत्ते को चार समूहों में वर्गीकृत किया गया है।

पटना: पटना में कर्मचारियों को अब उनके मूल वेतन का 20% मकान किराया भत्ते के रूप में मिलेगा, जो पहले 16% था।

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Z श्रेणी के शहर: Z श्रेणी के तहत वर्गीकृत शहरों में, भत्ता 8% से बढ़ाकर 10% कर दिया गया है।

अवर्गीकृत शहर: अवर्गीकृत शहरों में कर्मचारियों को अब 6% से बढ़ाकर 7.5% मिलेगा।

ग्रामीण क्षेत्र: ग्रामीण क्षेत्रों में, भत्ता 4% से बढ़ाकर 5% कर दिया गया है।

जेड श्रेणी के शहर: जेड श्रेणी में अररिया, आरा, औरंगाबाद, बगहा, बेगूसराय, बेतिया, भागलपुर, बिहारशरीफ, बक्सर, छपरा, दरभंगा, डेहरी, गया, गोपालगंज, हाजीपुर, जमालपुर, जमुई, जहानाबाद, कटिहार, किशनगंज, लखीसराय, मधुबनी, मोकामा, मोतिहारी, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नवादा, पूर्णिया, सहरसा, समस्तीपुर, सासाराम, सीतामढ़ी, सीवान और सुपौल जैसे 32 शहर शामिल हैं।

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मनरेगा के तहत बेरोजगारी भत्ता

भत्ता नियम: मनरेगा योजना के तहत मांग पर काम उपलब्ध नहीं होने पर बेरोजगार श्रमिकों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए बिहार बेरोजगारी भत्ता नियमावली 2024 को मंजूरी दी गई है।

भत्ते का विवरण: यदि अनुरोध के 15 से 30 दिनों के भीतर काम उपलब्ध नहीं कराया जाता है, तो सरकार अगले 100 दिनों के लिए महंगाई भत्ते का भुगतान करेगी। पहले महीने में श्रमिकों को निर्धारित मजदूरी का एक-चौथाई और दूसरे महीने से आधा वेतन मिलेगा।

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