प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 3.0 कार्यकाल में रूस ने भारत के साथ अपने सैन्य सहयोग को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। रूसी सरकार ने एक रसद समझौते को मंजूरी दी है जो दोनों देशों के सशस्त्र बलों के बीच परिचालन संबंधों को बढ़ाएगा। यह समझौता सैनिकों की तैनाती को सुविधाजनक बनाने, रसद सहायता प्रदान करने और दोनों देशों के बीच गहरे सैन्य संबंधों को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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रसद समझौते को एक महत्वपूर्ण प्रगति के रूप में सराहा गया है, जो सैन्य अभियानों में आपसी रसद सहायता की अनुमति देता है, जिसमें ईंधन भरने, रखरखाव और आपूर्ति के प्रावधान शामिल हैं। रिपोर्ट के अनुसार, यह समझौता भारतीय बलों के साथ समन्वय में रूसी सैनिकों, लड़ाकू विमानों और युद्धपोतों की तैनाती को सक्षम करेगा।

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भारत और रूस के बीच स्थायी मित्रता, जिसका उदाहरण भारत द्वारा मिग और सुखोई जैसे उन्नत रूसी लड़ाकू विमानों और हथियारों का अधिग्रहण है, इस रणनीतिक समझौते से और मजबूत हुई है।

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इस समझौते की मंजूरी में रूसी रक्षा मंत्रालय और विदेश मंत्रालय के बीच घनिष्ठ सहयोग शामिल था, जिसमें भारतीय पक्ष से महत्वपूर्ण इनपुट शामिल थे। रूसी प्रधानमंत्री मिखाइल मिशुस्तीन ने रूसी रक्षा मंत्रालय को सैन्य तैनाती के लिए एक व्यापक रूपरेखा सुनिश्चित करते हुए समझौते पर बातचीत करने का निर्देश दिया।

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