पार्टी अध्यक्ष के पद में बदलाव के लिए सोनिया गांधी को लिखे पत्र के कारण इस समय कांग्रेस में राजनीतिक हलचल है। नए अध्यक्ष के चुनाव को लेकर इस हंगामे की शुरुआत पार्टी के कुछ वरिष्ठ सदस्यों ने जारी की। पार्टी के भीतर का संकट उस समय आग की भेंट चढ़ जाता है जब सोनिया गांधी ने कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में पार्टी के अंतरिम अध्यक्ष के रूप में अपना इस्तीफा दे दिया। उन्होंने नए पार्टी अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया शुरू करने का भी अनुरोध किया है। पार्टी में छिड़े विवाद से राहुल गांधी काफी परेशान दिख रहे हैं। यही नहीं, उन्होंने उन लोगों पर आरोप लगाया जिन्होंने इस पत्र का समर्थन भाजपा के साथ मिल कर किया।

राहुल ने इस पत्र के समय को गलत करार दिया है। उन्होंने यह भी बताया है कि इस पत्र में उठाए गए मुद्दों को मीडिया में नहीं बल्कि सीडब्ल्यूसी में सही तरीके से उठाया जाना चाहिए था। हालांकि, वर्तमान स्थिति पार्टी के लिए बहुत जटिल होती जा रही है। पार्टी के कई नेता राहुल गांधी को दोबारा नियुक्त करने के पक्ष में हैं। प्रियंका गांधी ने कहा है कि पार्टी के अध्यक्ष को गांधी परिवार से अलग किया जाएगा। ऐसे में पार्टी नेतृत्व पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं।

राजनीतिक विश्लेषक शिवाजी सरकार का कहना है कि पार्टी के भीतर कुछ नेता अभी भी पार्टी को पुनर्जीवित करने की कोशिश कर रहे हैं, जो एक अच्छी बात है। उनका यह भी मानना ​​है कि यह कहना बहुत मुश्किल है कि राष्ट्रपति का पद कौन संभालने वाला है, लेकिन पार्टी के भीतर कई ऐसे चेहरे और नाम हैं जो इसका नेतृत्व करने जा रहे हैं। उनका मानना ​​है कि पार्टी के अंदर कई अच्छे विचारक हैं। कांग्रेस देश में मौजूद विभिन्न दलों के बीच महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

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